आपको यह जानकर बेहद ख़ुशी होगी कि भारतीय रेल को करोड़ों देशवासियों की लाइफ लाइन कही जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं. हम आपको बता दें कि करोड़ों लोग रोजाना यहां रेल से सफर करते हैं.
रेल कईयों के लिए कौतूहल तो कईयों के लिए गॉशिप का विषय है. हमारे यहां कई रेल विशेषज्ञ भी आपको मिल जाएंगें जो ट्रेन की स्पीड देखकर पहुंचने का समय बता देते हैं.
पटरी देखकर पीछे की ट्रेन बताने वाले सूरमा भी आपको ट्रेन में अक्सर मिल जाएंगें.
1. जरुर होती है जिज्ञासा
ट्रेन में सफर के दौरान इंजन को देखकर कई सवाल आपके मन में आते होंगे. आप यह जरुर सोचते होंगे कि जैसे हमारी बाइक या स्कूटी 1लीटर में 40 50 का एवरेज देती है, वैसे हीं रेलवे का इंजन का एवरेज क्या होगा ! कभी कभी ऐसे सवाल हमें परेशान भी करते हैं.
2. क्यों चालू रहता है इंजन
रेलवे की रहस्यों से भरी अपनी अलग दुनिया है. आपने यह भी गौर किया होगा कि जब रेल किसी स्टेशन पर खड़ी होती है तब भी उसका इंजन चालू रहता है. उसे बंद नहीं किया जाता.
इस बारे में हमने एक लोको पायलट से जानकारी लेनी चाही तो उसने हमें बताया कि एक ट्रेन का इंजन बंद करके दोबारा स्टार्ट करने में बहुत ज्यादा डीजल खर्च होता है.
रेलवे के अपने अनुमान के मुताबिक एक बार इंजन को स्टार्ट करने में लगभग 25 लीटर डीजल की खपत होती है.
3. इंजन का कितना एवरेज
एक मालगाड़ी के एवरेज को उल्टे तरीके से मापा जाता है.
जैसे यह माना जाता है कि जैसे 01 लीटर तेल में कार 08 किलोमीटर या बाइक 40 किलोमीटर भागती है, इसके ठीक उलट एक ट्रेन का इंजन 01 किलोमीटर चलने में 15 से 20 लीटर डीजल खा जाता है.
4. ट्रेन का अलग हिसाब
12 डिब्बों वाली एक पैसेंजर ट्रेन एक किलोमीटर चलने में 06 लीटर डीजल खा जाती है. इसका कारण यह है कि यह ज्यादा जगहों पर रुकती है.
बार-बार ब्रेक लगाने के कारण इसमें तेल की खपत ज्यादा होती है. वहीं एक्सप्रेस ट्रेन एक किलोमीटर चलने में साढ़े चार लीटर के लगभग डीजल खा जाती है.