ताज महल का शुमार दुनिया के सात अजूबों में होता है। लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि योगी सरकार ने ताज महल को राज्य की पर्यटन स्थल की सूची से बाहर कर दिया था। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के विधायक और फायरब्रांड नेता संगीत सोम ने एक विवादित बयान देकर इस मामले को और आगे बढ़ा दिया है। ताजमहल को बीजेपी नेता ने ‘भारतीय संस्कृति पर कलंक’ बताते हुए कहा कि गद्दारों के बनाए ताजमहल को इतिहास में जगह नहीं मिलनी चाहिए।
संगीत सोम के विवादित बयान पर बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी(सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान ने मंगलवार(16 अक्टूबर) को कहा कि अकेले ताजमहल ही क्यों? संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, कुतुब मीनार, लालकिला क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि ये सब गुलामी की निशानी है इन सभी को गिरा देना चाहिए।
आजम खान ने कहा कि मैं पहले से कहता आ रहा हूं कि गुलामी की उन तमाम निशानियों को मिटा देना चाहिए जिससे कल के शासकों की बू आती हो। सपा नेता ने कहा कि जाहिर है जिन्हें आरएसएस के लोग गद्दार कहते हैं, अगर ये गद्दारों की निशानियां है तो इसे ध्वस्त कर देना चाहिए।
आजम खान ने कहा कि मैंने तो पहले भी कहा कि सिर्फ ताजमहल ही क्यों संसद, राष्ट्रपति भवन, कुतुब मीनार, लालकिला सहित जो भी गुलामी की निशानियां हैं उन सब को गिरा देना चहिए। उन्होंने कहा कि हम तो बादशाह से अपील करते हैं। छोटे बादशाह से तो हमने कहा कि आप आगे चलो हम साथ चलेंगे। पहला फावड़ा आपका होगा दूसरा हमारा होगा।
संगीत सोम के विवादित बयान पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से तिरंगा फहराना बंद कर देंगे, क्योंकि वह भी गद्दारों ने बनाया था? ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘लाल किले को भी ‘गद्दारों’ ने बनाया था। तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर तिरंगा फहराना