सुप्रीम कोर्ट ने गौरक्षकों को लेकर एक फैसला सुनाया है। हम आपको बता दें कि जबसे मोदी सरकार आई है तबसे देश में गोरक्षा के नाम पर एक आतंक पनप रहा है। यह आतंक धीरे-धीरे खूंखार होता जा रहा है। और इस आतंक के अलग-अलग परिणाम सामने आ रहे हैं।
खुद को कथित रूप से गाय की रक्षा करने वाले ये लोग आखिर हैं कौन और इनका वजूद क्या है ये कोई नहीं जानता लेकिन ये भी किसी तरह के आतंकवादी से कम नहीं हैं। क्योंकि जैसे आतंकी बिना किसी को जाने और कुछ समझे लोगों को मारते हैं वैसे ही ये गौरक्षक भी वही करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने गौरक्षा के नाम पर लगातार हो रही हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए एक आदेश जारी किया था लेकिन भारतीय जनता पार्टी के शासित कुछ राज्यों ने इस आदेश के पालन करने में नाकामयाबी हासिल की है और मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार अब सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें अवमानना का नोटिस दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट की अगर माने तो एक याचिकाकर्ता तुषार गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सितम्बर 2017 को 26 राज्यों को गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए एक आदेश जारी किया था। और साथ ही नोडल ऑफिसर को नियुक्त करने के भी आदेश दिए गए थे।
4 भाजपा शासित राज्यों को नोटिस
रिपोर्ट के अनुसार इस आदेश का पालन करने में असफल रहने वाली भाजपा शासित सरकारों को अब कोर्ट ने नोटिस दे दिया है। ये सरकारें राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश राज्यों की है। इन सरकारों को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस दिया है और साथ ही 3 अप्रैल तक नोटिस का जवाब भी तलब करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि गौरक्षा के नाम पर देश के अंदर कोई भी कानून को हाथ में नहीं ले सकता है। ऐसा करने वाले को सरेआम दण्डित कर रहा था और हिंसा करता था। इस तरह का एक मामला उत्तर प्रदेश के दादरी में 2015 में घटित हुआ था।
पीएम की निंदा के बाद भी नहीं थमे ये विवाद
इन सब मामलों पर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी निंदा की थी और कहा था कि ऐसे बहुत से लोग है जो पूरी रात असामाजिक कार्य करते हैं और दिन में गौ रक्षकों का चोला पहनकर घूमते रहते हैं। लेकिन उनकी ही पार्टी द्वारा शासित राज्य इस हिंसा को रोकने में नाकाम रह रही है।