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वीडियो: ईवीएम मशीन में ही नहीं बल्कि अब इस जगह चुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा की गई बैलेट पेपर में गड़बड़ी का मिल गया सुबूत


आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश में चुनाव नतीजों से पहले सियासत गरमाई हुई है, ईवीएम की सुरक्षा में लापरवाही के बाद अब भोपाल पीएचक्यू की कैंटीन में डाक मत पत्र पड़े मिलने का मामला सामने आया है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने इसको लेकर पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

ballot बैलेट paper fraud during madhya pradesh elections

एक तरफ जहां ईवीएम में गड़बड़ी और स्ट्रांग रूम में सुरक्षा को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने जहां मंगलवार को दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त से शिकायत की है, वहीं भोपाल में सामने आये इस मामले के बाद माहौल गरमा गया है और आरोप प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।

दरअसल, 28 नवंबर को को प्रदेश भर में वोटिंग हुई थी।  इससे पहले कर्मचारियों के लिए 18 नवंबर से पोस्टल बैलेट डालने का सिलसिला शुरू हुआ था और 4  हज़ार से ज़्यादा पुलिस कर्मचारी और अफसरों ने डाक मत पत्र डाले थे।

पोस्टल बैलेट 26 नवंबर की शाम तक जमा कराने थे। लेकिन सामान्य मतदान के बाद पीएचक्यू की कैंटीन में सौ मतपत्र पड़े मिले, जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है।

मतपत्रों का इस तरह लावारिस हालत में पड़ा होना निर्वाचन आयोग के रखरखाव की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है।  निर्वाचन कार्य में लगे हजारों कर्मचारी पोस्टल बैलेट से मतदान करते हैं।

कांग्रेस ने की दोबारा पोस्टल बैलेट डलवाने की मांग

प्रदेश कांगे्रस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि पुलिस हेड क्वार्टर की कैंटीन में हजारों पोस्टल बैलेट पकड़ाये जाने से यह प्रमाणित हो गया है कि सत्ताधारीदल के दबाव में चुनाव अधिकारियों द्वारा मतगणना में हेराफेरी की जा रही है।

सरकार हार के डर से ऐसा असंवैधानिक कार्य करा रही है, क्योंकि वह नहीं चाहती कि सरकारी कर्मचारियों के वोट डाले। यह तो केवल भोपाल का मामला है।

अन्य जिलों में भी इस तरह के कृत्यों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। गुप्ता ने कहा कि कांगे्रस द्वारा पूर्व में चुनाव आयोग से इस तरह के कार्य की आशंका व्यक्त की गयी थी।

इसके चलते कांगे्रस ने चुनाव आयोग का ध्यान आकृष्ट किया था, लेकिन आयोग द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।

यही कारण है कि चुनाव अधिकारी आयोग के निर्देशों को धता बताते हुए खुल्लम-खुल्ला आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर प्रजातंत्र का मजाक उड़ा रहे हैं।

गुप्ता ने आयोग से तत्काल जांच की मांग की है। उन्होंने दोषी अधिकारियों को दंडित करने के अलावा कर्मचारियों से दोबारा पोस्टल बैलेट डलवाने की मांग की है।

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