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मुसलामानों के इतिहास को मिटाना है भाजपा और RSS का असल मकसद

मुग़ल बादशाह हिन्दुस्तान के महान निर्माता थे. हिन्दुस्तान को दुनिया भर में अपनी कोई पहचान नहीं मिल पाती अगर मुग़ल बादशाह हिंदुस्तान न आते. मुगलों ने भारत में रहकर एक से एक बहतरीन इमारतों का निर्माण करवाया और हिन्दुस्तान का सारा पैसा उन्होंने यही पर लगाया और इसी हिन्दुस्तान की सरजमी पे दफ़न हो गए।

लेकिन भाजपा के संघी कहते है कि मुगलों ने भारत पर आक्रमण किया और देश का सारा धन लूट कर ले गए थे पर भाजपा और संघी शायद ये भूल चुके होंगे की मुगलों ने हिन्दुस्तान का सारा धन देश के हर कोने को सजाने मैं लगा दिया था और सोचने और समझने वाली बात ये है कि अगर मुगलों ने इस देश को लूटा है तो वो लूट के कहा ले गए थे।

जबकि इस का इतहास गवा है सारे मुग़ल हिन्दुस्तान की सरजमी पर दफ़न हो गए थे. मुगलकाल इतिहास के पन्नो में मोजूद है और जितना विकास मुगलकाल में हुआ था उतना अन्य किसी काल में नहीं हुआ मुग़ल मुस्लिम थे इसीलिए भाजपा सरकार और RSS वाले मुगलों के इतिहास को मिटाना चाहते है।

क्योंकि संघीयो को भारत में मुसलमानो के नाम पर मोजूद हर एक इमारत से नफरत है.संघी और भाजपा वाले मुगलों के इतिहास को मिटा नहीं पायेंगे क्योंकि मुगलों ने जो काम किया वो आज पूरी दुनिया के सामने हे. दुनिया की हर एक लाइब्रेरी में इनका इतिहास मोजूद हे.हिन्दुस्तान का हर कोना मुसलमानों के इतिहास का गवाह है और ये देश मुसलमानों के इतिहास के बिना अधूरा है. अगर दुनिया में हिन्दुस्तान की पहचान होती है तो सबसे पहले उन इमारतो से होती है जो किसी मुस्लिम शासक ने बनवाई थी।

आज की मोजूदा सरकार और उसकी सहयोगी संस्था RSS ने इतिहास के पन्नो को बदलने का काम शुरू कर दिया है.ये वोही लोग है जिनका अपना कोई इतिहास नहीं था,जो केवल अंग्रेजो की चमचागिरी किया करते थे और जिन्होंने हिन्दुस्तान की सरजमी पर जीत के कोई झंडे नहीं गाड़े थे।

इनका मिशन इतिहास से मुसलमानों के द्वारा जो काम किये गए थे उनको बदलना है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकर बनने के बाद कई जगहों के नाम बदल दिए गए हे और राजस्थान की स्कूल की किताबो से इतिहास बदल दिया गया,जो हल्दीघाटी का युद्ध अकबर ने जीता था अब वो 441 सालो के बाद महाराणा प्रताप जीत चुके हे.दिल्ली के मुगलसराय स्टेशन का नाम बदल के दीनदयाल उपाध्याय हो चुका है और हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ताजमहल को भारतीय पर्यटन सूची से निकाल दिया है।

चारमिनार हेदराबाद

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