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ईवीएम मशीन के घोटाले में बुरी तरह फंसी बीजेपी, देखें वीडियो

bjp gets Get trapped in evm scam at madhya pradesh as well as uttar pradesh

ईवीएम मशीन घोटाला जो कि न केवल मध्य प्रदेश में हुआ था बल्कि उत्तर प्रदेश में भी हुआ था उसकी चर्चा मीडिया वाले भी कर रहे हैं, जो मीडिया वाले पैसे के लालची हैं वह भाजपा का समर्थन कर रहे हैं जबकि और मीडिया वाले बीजेपी की पोल खोल रहे हैं। जो ईवीएम कांड मध्य प्रदेश में हुआ है उससे हर कोई हैरान है। इस वीडियो को देखने के बाद यह बात साफ़ हो जाती है कि अगर ईवीएम मशीन का इस्तेमाल भारत में चुनाव के दौरान होता है तो उसके साथ Voter-verifiable paper audit trail (VVPAT) भी बहुत ज़रूरी है। ईवीएम मशीन में घोटाले को पकड़ने के लिए Voter-verifiable paper audit trail (VVPAT) बहुत ज्यादा ज़रूरी है।

क्योंकि इसके जरिये से वोटर को पता चल जाता है कि, उसने जिस उम्मीदवार को वोट दिया है वह सही उम्मीदवार को गया है या नहीं? मध्य प्रदेश में भी यही हुआ था कि, ईवीएम के साथ वीवीपीएटी मशीन भी लगाई गई थी और मध्य प्रदेश में होने जा रहे चुनाव के लिए जांच की जा रही थी और इस दौरान चुनाव निर्वाचन कि पदाधिकारी सलीना सिंह भी मौजूद थी। आरोप यह लगाये जा रहे है कि, जितनी बार भी ईवीएम का बटन दबाया गया तो हर बार भाजपा को ही वोट गया।

अब इस बात को लेकर पूरे भारत की विपक्ष पार्टियाँ विरोध कर रही है और मांग कर रही है कि, चुनाव बैलट पेपर से ही होने चाहिए। जहाँ विपक्ष के नेता मध्य प्रदेश के इस ईवीएम कांड को लेकर अपना विरोध जता रहे है वहीँ दूसरी ओर भिंड जिले के कलेक्टर और एसपी का ट्रान्सफर कर दिया गया है। चुनाव आयोग के निर्देश पर ही सरकार द्वारा ईवीएम कांड को लेकर कार्रवाई की गई है। यह भी खबर सामने आ रही है कि, इनके अलावा भी कई अधिकारीयों का तबादला किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में अटेर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव होने जा रहे है। दूसरी तरफ यह भी है कि, ईवीए में हो रहे घोटालों पर बीजेपी एकदम से चुप्पी साधे हुए है।

जो लोग यह बता रहे है कि, मध्य प्रदेश का ईवीएम का कोई कांड नहीं हुआ है। अगर एमपी में कोई भी ईवीएम कांड नहीं हुआ है तो फिर यह कार्रवाई किस बात को लेकर की जा रही है? देशवासियों का यह भी कहना है कि, अगर भाजपा ईमानदार है तो फिर उन्हें डर किस बात का सता रहा है? ईवीएम को हटाकर बैलट पेपर से चुनाव किये जाने चाहिए। सुप्रीमकोर्ट में भी ईवीएम को लेकर पहले से ही कार्रवाई चल रही है और सुप्रीमकोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मामले में जवाब माँगा है।

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