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बीजेपी पर टूटा दुखों का पहाड़, उत्तर प्रदेश उपचुनाव हारने के बाद बीजेपी को लगा एक और तगड़ा झटका

लखनऊ: हम आपको बता दें कि अभी बीजेपी अभी उत्तर प्रदेश लोक सभा चुनाव की हार झेल भी नहीं पाई है कि उसको एक और तगड़ा झटका लगा है। हम आपको यह भी बता दें कि बीजेपी ने पहले ही आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने दो उम्मीदवारों के नाम वापस ले लिए हैं।

bjp बीजेपी in big trouble

उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। भाजपा ने 11 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। हालांकि हार के बाद भाजपा के 2 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसमें विद्यासागर सोनकर और सलिल विश्नोई का नाम शामिल है। बता दें कि 403 विधायकों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा के 324 विधायक है। जिसके जरिए भाजपा 8 लोगों को राज्यसभा आसानी से भेज सकती है।

आखिरी फैसला नहीं किया

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अब इस चुनाव में भाजपा को राज्य में सहयोगी सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी से चुनौती मिल रही है। दरअसल, पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने यह कह सबको चौंका दिया है कि ‘हम अभी कैसे बता दें कि राज्यसभा चुनाव में हम भाजपा को वोट देंगे या किसी दूसरी पार्टी को। हमने इस पर कोई आखिरी फैसला नहीं किया है।’

हम उनके साथ क्यों जाएं?

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राजभर ने कहा, ‘ हम अभी भाजपा गठबंधन में हैं, लेकिन क्या भाजपा ने राज्यसभा, गोरखपुर तथा फूलपुर के उपचुनाव के लिए उम्मीदवार का फैसला करने से पहले हमसे कोई राय मशविरा किया था?’ उन्होंने कहा कि ‘हम भाजप के साथ गठबंधन में हैं और अगर वो गठबंधन धर्म नहीं निभाएंगे तो हम उनके साथ क्यों जाएं?’

तब जीतेगा 9वां उम्मीदवार

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मौजूदा चुनावी नतीजों के बाद यह माना जा रहा है कि राज्य से भाजपा 8, सपा का एक उम्मीदवार आसानी से राज्यसभा जा सकता है। हालांकि 10वीं सीट पर बसपा के भीमराव आंबेडकर और भाजपा के लिए मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। सदन में बसपा के कुल 19 विधायक हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के 7, रालोद और निषाद के 1-1 विधायक भी बसपा को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं। अगर यही समीकरण मतदान वाले दिन भी रहा तो भीमराव आंबेडकर सदन में पहुंच सकते हैं। दूसरी ओर अगर राजभर की पार्टी भाजपा को वोट करेगी तो ही यह संभव है कि उनका नौंवा उम्मीदवार जीते।

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