अगर देखा जाए तो बीजेपी के लोग अन्य दलों के नेताओं को खरीद रहे हैं और अपनी पार्टी के साथ मिला रहे हैं। ऐसा और लोग भी कर रहे हैं। उन्होंने अपना ईमान पूरी तरह से बेच दिया है और ऐसा करने में उनको ज़रा भी शर्म नहीं आ रही है।
वही दूसरी ओर बीजेपी और उसके ही सम्बद्ध दल ABVP के नेता गुजरात में कांग्रेस का दामन थाम लिया क्योकि उन्हें ऐसा लग रहा है और ये हकीकत भी है कि बीजेपी की स्तिथि गुजरात में डामाडोल है ।
कब हुआ ये सब…?
अभी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव की तैयारी के लिए गुजरात के 3 दिन के दौरे पर थे । इन्ही 3 दिनों के दौरान बीजेपी के 30 नेता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 150 नेताओ ने अपनी अपनी पार्टियाँ छोडकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। आगामी चुनाव के पहले इतना बड़ा फेरबदल बीजेपी के लिए अच्छा संकेत तो बिलकुल भी नही है।
कहाँ हुआ ये सब…?
बीजेपी और ABVP के लोगों ने बुधवार को अमरेली के राजोली नाम के कसबे में अपनी अपनी पार्टी छोडकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली । गुजरात के कांग्रेस कमेटी प्रेसिडेंट भरतसिंह सोलंकी की उपस्तिथि में बरपतोली गाँव में इन लोगों में कांग्रेस ज्वाइन करने की सारी फॉर्मल प्रक्रियाएं पूरी की।
क्या कहना है पार्टी छोड़ने वाले नेताओ का…?
ABVP के पूर्व अध्यक्ष मेघराज जोशी का कहना है कि उनके लोग ऐसा महसूस करते थे जैसे उन्हें दबाया जा रहा हो और बीजेपी विद्यार्थीयों के मुद्दे को लेकर ढीली नजर आती है इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया ।
आगे बात बढ़ाते हुए मेघराज ने कहा कि जब से बीजेपी सत्ता में है तब से हमें अपना आन्दोलन नरम करना पड़ा है । जब भी हमने किसी मुद्दे को लेकर कोई आन्दोलन किया हमें तुरंत ही उसे भाजपा नेताओ के कहने पर वापस लेना पड़ता था ।
ऐसे में भाजपा गुजरात के अंदर 182 सीट में से 150 जीतने का प्लान बना रही है और यहाँ 150 नेता पार्टी छोड़ रहे हैं । भाजपा नेताओ ने इस चुनाव ने लिए ‘मिशन 150’ का नारा भी दिया है और मोदी भी अपने गृहनगर गुजरात में चुनाव तक हर महीने कम से कम 1 दौरा तो करेंगे ही क्योकि भाजपा की डोलती नैया अब ज्यादा दिन गुजरात के समंदर में चल नहीं पायेगी ।
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