हम आपको बता दें कि हमारे देश की राजनीति में आज का दिन किसी भूचाल से कम नहीं रहने वाला है. आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि मोदी सरकार के केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा आज भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का दामन छोड़ कर कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में शामिल हो सकते हैं.
1. कुशवाहा का आर या पार की लड़ाई का ऐलान
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के पास 03 लोकसभा सदस्य हैं. हाल के दिनों में कुशवाहा बिहार की राजनीति के बड़े खिलाड़ी बन कर उभरे हैं. करीब 07 फीसदी कुशवाहा वोटरों पर पकड़ रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने साफ साफ कह दिया है कि हम एनडीए से अलग होंगें तो यूपीए के साथ जाएंगें क्योंकि मेरी नजर में वर्तमान भारतीय राजनीति में तीसरे मोरचे जैसी किसी भी ताकत का कोई वजूद नहीं है.
2. रालोसपा का चिंतन शिविर
आज उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का वाल्मीकी नगर में चिंतन शिविर है. यहीं से उपेंद्र खुद को भाजपा से अलग करने का ऐलान कर सकते हैं. बड़ी संख्या में उपेंद्र कुशवाहा के समर्थक और पार्टी पदाधिकारी वाल्मीकी नगर में जुट चुके हैं. इसमें ज्यादातार संख्या कुशवाहा समाज के लोगों की है.
3. देश भर का कुशवाहा आएगा कांग्रेस के साथ
उत्तर भारत के बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड आदि प्रदेशों में कुशवाहा बिरादरी एक बड़ी ताकत के तौर पर जाना जाता है. पिछले लोकसभा चुनाव में ये तबका पूरी तरह से भाजपा के साथ गया था, लेकिन इस बार माहौल थोड़ा अलग है. उपेंद्र कुशवाहा को जिस तरह से बेइज्जत किया गया है, उससे इस समाज में काफी आक्रोश है.
4. राहुल गांधी से कर सकते हैं मुलाकात
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन में शामिल होने के लिए उपेंद्र कुशवाहा की बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से दो राउंड बात हो चुकी है. जल्द हीं कुशवाहा की मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव अशोक गहलोत से होगी, वहीं से आगे की बात फाइनल हो जाएगी.
निष्कर्ष:
भाजपा एक डूबता हुआ जहाज बन चुका है. सही वक्त देख कर इसके एक एक सहयोगी इनसे पिंड छुड़ाने में जुट चुके हैं.