इस समय बीजेपी बहुत ही बुरे वक्त से गुजर रही है| हर किसी की नज़र गुजरात चुनाव पर है जो दो चरणों में होंगे| एक चुनाव 9 दिसंबर को होगा तो दूसरा चुनाव 14 दिसंबर को होगा|
गुजरात चुनाव को जीतने के लिए भाजपा को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है| इस चुनाव के चलते हुए भाजपा की मुसीबतें वैसे ही कुछ कम नहीं थी कि ऐसे में भाजपा के लिए एक और मुसीबत आगयी है जो भाजपा को बहुत भारी पड़ रही है |
दलितों के बड़े नेता ने दिया भाजपा से इस्तीफ़ा
मामला कुछ ऐसा है कि भाजपा की कोडीनार सीट से वर्तमान विधायक जो भाजपा की सीट से हैं और गुजरात के दलितों के सबसे बड़े नेता जेठा सोलंकी ने 18 नंवबर को भारतीय जनता पार्टी को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा बोल दिया है और पार्टी को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है| इतना ही नहीं सोलंकी ने पार्टी से अपने सारे पद भी त्याग दिए हैं और पूरी तरह भाजपा का दामन छोड़ा है|
दलितों पर भाजपा कर रही अत्याचार
जब सोलंकी से इस बड़े कदम को उठाने के बारे में सवाल किये गये तो सोलंकी का कहना था कि भाजपा ने अपने शासन में दलितों पर बहुत अत्याचार किये हैं जो उन्हें बर्दास्त नहीं हो रहे हैं |
ये जानकारी देना भी आपके लिए जरूरी है कि सोलंकी न सिर्फ पार्टी से विधायक थे बल्कि उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने अपनी तरफ से संसदीय सचिवों में शामिल किया था लेकिन इस पद से भी वो इस्तीफ़ा दे चुके हैं |
कौन होते हैं संसदीय सचिव
दरअसल संसदीय सचिव कोई छोटा-मोटा पद नहीं होता है बल्कि राज्य का एक बड़ा और बहुत महत्वपूर्ण पद होता है जिस पर बहुत जिम्मेदारियां भी होती है | इस पद को प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री के बराबर दर्जा दिया जाता है और इसका काम राज्य के मंत्रियों को समय समय पर सलाह देना होता है | जरूरत पड़ने पर संसदीय सचिवों से मंत्री मदद भी लेते हैं |
सोलंकी को पार्टी ने तबज्जो देना कर दिया था बंद
मीडिया के सामने आकर सोलंकी ने बताया कि जब उन तक ये खबर आई कि पार्टी ने इस बार उन्हें टिकिट न देने का फैसला लिया है तो उन्हें बहुत ज्यादा बुरा लगा और इस बात से रुष्ट होकर उन्होंने विधायक और संसदीय सचिव के पदों से पार्टी को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है | सोलंकी इस बात से भी आहत थे कि पार्टी ने उन्हें अहमियत देना और उनकी बातें सुनना बंद कर दिया था | पार्टी के लोग उन्हें मानाने भी आये पर वो अपने फैसले से नहीं हटे |
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सोलंकी के अलावा इन बड़े नेताओ ने भी दिया इस्तीफ़ा
गुजरात में होने वाले गुजरात चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की जो सूची जारी की उसमे उसने अपने बहुत से नेताओ के नाम काटे हैं जिससे नाराज होकर उन सब ने भी अपने इस्तीफे पार्टी को दे दिए जिनमे भाजपा से डांग जिले के महामंत्री दशरथ पवार,पादरी जिला पंचायत के बड़े नेता कमलेश पटेल और वडोदरा के जिला महामंत्री चैतन्य सिंह झाला आदि शामिल हैं |