हम आपको बता दें कि गुजरात चुनाव के नतीजों को लेकर वहां की जनता काफी गुस्से में है क्योंकि जिस तरह से गुजरात चुनाव में लोगों ने वोटिंग की है उस हिसाब से चुनाव के परिणाम बिलकुल भी ठीक नहीं आए हैं और उनके वोटों के साथ खिलवाड़ हुआ है| गुजरात चुनाव से कुछ इस तरह की खबरें आ रही हैं कि वहां पर एक ईवीएम मशीन की सील टूटी हुई थी| इसका मतलब साफ़ है कि गुजरात चुनाव में ईवीएम मशीन के साथ गड़बड़ी हुई है|
गुजरात चुनाव में ईवीएम मशीन में हुई है गड़बड़ी
हम आपको बता दें कि हर शातिर चोर एक न एक सुराग ऐसा छोड़ ही जाता है जिससे उसकी चोरी के बारे में क्लू मिल सके और ये राजकोट की ईवीएम मशीन में ऐसी गड़बड़ी मिलना वही दिखाता है | लेकिन इसके बाद भी चुनाव आयोग की चुप्पी बहुत से सवाल खड़ी करती है | इस तरीके से ही अगर सब चलता रहा तो चुनाव करवाने का स्वांग आखिर कब तक रचा जाता रहेगा जब कि नतीजे ऐसे फिक्स ही होने है |
कांग्रेस ने किया शहरों में अच्छा प्रदर्शन
सुबह से जिस तरीके से काउंटिंग चल रही थी उसके हिसाब से कांग्रेस आगे चल रही थी लेकिन जिस प्रकार हार्दिक पटेल ने दावा किया था कि कुछ सीटों पर ईवीएम मशीन फिक्स है तो उनकी गिनती होने पर कांग्रेस बहुत पीछे चली गयी|
हालाँकि यहाँ के शहरों की जो काउंटिंग हुई वो कांग्रेस के लिए बहुत अच्छा रहा क्योकि यहाँ पर पिछली बार के अपेक्षा कांग्रेस बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हुए दिख रही है|
भाजपा के गढ़ में दी भाजपा को मात
हम अगर बात करें गुजरात के चुनिन्दा बड़े शहरों की तो इनमे अहमदाबाद, सूरत और बड़ोदरा जैसे शहर आते हैं और यहाँ पर कांग्रेस ने बहुत बढ़िया करके दिखाया है तभी यहाँ पर कांग्रेस 4-4 सीटों पर आगे चल रही है |
यहाँ पर सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि ये शहर भाजपा के गढ़ कहे जाते हैं जहाँ पर भाजपा को करारी हार दिख रही है क्योकि पढ़े-लिखे लोगों ने वोट किया है|
चुनाव आयोग नहीं रहा निष्पक्ष
अब एक बात और यहाँ पर गौर करने लायक है कि जब इन इलाकों में भाजपा का खुलकर विरोध करते हुए लोग सड़क पर आये और मोदी के रोड शो में ढंग से सौ लोग न इकट्ठे हुए और अमित शाह के काफिले पर अंडे फेंके गये और भाजपा के स्टार प्रचारक योगी के रोड शो को ढंग से लोग न मिले तो इन इलाकों में आखिर कैसे भाजपा आगे हो सकती है जबकि ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ न की जाए|
चुनाव आयोग को या तो ईवीएम मशीन का प्रयोग बंद करा देना चाहिए या फिर चुनाव ही कराना बंद कर देना चाहिए क्योकि इनमे खर्चा बहुत होता है जो जनता के टैक्स के पैसे से जाता है और गड़बड़ होकर जब ऐसे ही सब होना है तो बिना चुनाव के ही परिणाम दे दिए जाए|