हम आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा से मुलाकात की। ये मुलाकात बेंगलुरु में देवेगौड़ा के घर पर हुई। हम आपको यह भी बता दें कि इस बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री और देवेगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी भी शामिल हुए।
इसे 2019 के चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले हफ़्ते चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में राहुल गांधी, शरद पवार, अखिलेश यादव और फारूक अबदुल्ला से भी मुलाकात की थी।
मुलाकात के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि एचडी देवगौड़ा के साथ मेरे अच्छे सबंध हैं। हमें इस देश को बचाने के लिए, लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ आना होगा। उन्होंने कहा, ‘सीबीआई मुश्किल में है। कौन जवाबदेह है आरबीआई पर भी हमला हो रहा है, रेग्युलेटरी बॉडी पर भी खतरा है। ईडी, इनकम टैक्स का इस्तेमाल विपक्षियों पर हमला करने के लिए किया जा रहा है।’
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि गठबंधन बनाने के लिए शुरुआती कदम अभी तक तय नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के बाद कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार की जाएगी। नायडू ने कहा, ‘मैंने मायावती, अखिलेश यादव से बातचीत की। मैंने सभी से मुलाकात की है। कल मैं द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन से मिलूंगा।
हम तय करेंगे कि आम-सहमति के साथ गठबंधन कैसे आगे ले जाया जाए। यह शुरुआती कवायद है। इसके बाद हम मिलकर काम करेंगे।’ कांग्रेस के मुखर आलोचक रहे नायडू महागठबंधन के लिए उसके साथ बातचीत करने के भी खिलाफ नहीं हैं। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री पद के दावेदार के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया।
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने केंद्र की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा। मुलाकात के बाद देवगौड़ा ने कहा कि एनडीए सरकार में वैधानिक संस्थाएं खतरे में आ गई हैं और इसके खिलाफ सारे सेक्युलर लीडर्स को एकजुट होने की जरूरत है।
पूर्व पीएम ने कहा कि कांग्रेस भले ही 17 प्रदेशों में बीजेपी से हार चुकी है, लेकिन आने वाले विधानसभा चुनावों में अच्छा करेगी। उन्होंने कांग्रेस से कहा कि वह नायडू की इस मुहिम में मदद करे। बता दें कि दो दिन पहले भी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला था।
उन्होंने कहा था कि देश के लिए वास्तविक दिवाली तभी होगी जब केंद्र में राजग सरकार का ‘कुशासन’ खत्म होगा। मुख्यमंत्री ने केंद्र पर बरसते हुए कहा था कि पिछले महीने चक्रवातीय तूफान ‘तितली’ की चपेट में आने से तबाह हुए उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के पीड़ितों के लिए ‘एक पैसा’ भी नहीं देकर उसने ‘अमानवीय व्यवहार’ का प्रदर्शन किया है।