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जानिये आखिर किन राज्यों में मिल रहा है सबसे सस्ता और सबसे महंगा पेट्रोल

हम आपको बता दें कि पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम किए जाने के बाद दिल्ली में पेट्रोल पर टैक्स घटकर कुल 50% और डीजल पर कुल 40% रह गया है। बीजेपी और उसके सहयोगियों के शासन वाले राज्यों में वैट में भी कमी किए जाने की वजह से पेट्रोल और डीजल के दामों में विपक्षी पार्टियों की सरकारों वाले राज्यों की तुलना में और भी ज्यादा कमी आई है।

पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें आसमान छूने के बाद तब नीचे आई हैं, जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये उत्पाद शुल्क कम करने का फैसला लिया है। दो दर्जन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क के साथ ही वैट में भी कटौती की है। ऐसे राज्यों में तेल की रिटेल कीमतें और कम हो गई हैं। लेकिन, कई राज्यों के लोग अभी भी वैट कम किए जाने के लिए अपनी राज्य सरकार की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं।

पेट्रोल-डीजल के दामों में क्या चीजें जुड़ी होती हैं?

पेट्रोल पंप पर जो खुदरा तेल मिलता है, उसकी कीमतें उसके मूल दाम के अलावा केंद्रीय उत्पाद शुल्क, डीलरों का कमीशन और बेसिक ऑयल कीमतों पर लगने वाला वैल्यू ऐडेड टैक्स (वैट ) को जोड़कर तय होती हैं। तेल की मूल कीमतों में उसकी अंतरराष्ट्रीय कीमतें और उसकी ढुलाई पर होने वाला खर्च भी शामिल होता है।

जाहिर है कि तेल की मूल कीमतों में ढुलाई का खर्च शामिल होने की वजह से देश के अलग-अलग भागों इसके मूल दाम में भी फर्क आ जाता है। मसलन, चेन्नई में 1 लीटर पेट्रोल की मूल कीमत यदि 52.01 है तो यह लद्दाख में 59.89 रुपये हो जाता है।

इसी तरह एक लीटर डीजल की मूल कीमत चेन्नई में 52.13 रुपये लीटर होता है तो लद्दाख 59.57 रुपये हो जाता है। इसके अलावा प्रति लीटर पेट्रोल में पेट्रोल पंप डीलरों को 3.85 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 2.58 रुपये प्रति लीटर कमीशन भी मिलता है। इस तरह से इसकी कीमत तय होती है।

केंद्र के फैसले से पहले क्या थे दाम?

1 नवंबर से पहले शुल्क घटने तक दिल्ली में पेट्रोल की एक लीटर की कीमत में 32.90 रुपये केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 30% वैट के बाद इसकी खुदरा कीमत में कुल 54% टैक्स शामिल होता था। लेकिन, 5 रुपये लीटर उत्पाद शुल्क घटने के बाद दिल्ली में पेट्रोल के दाम में टैक्स घटकर अब 50% ही रह गया है।

इसी तरह दिल्ली में 1 लीटर डीजल पर 31.80 रुपया उत्पाद शुल्क लगता था और 16.75% वैट भी उसमें जुड़ जाता था। इसके अलावा प्रति किलोलीटर 250 रुपये एयर एंबिंयस चार्ज जुड़कर डीजल पर दिल्ली में कुल टैक्स 48% प्रति लीटर होता था। लेकिन, मोदी सरकार ने 10 रुपये उत्पाद शुल्क कम किए हैं, जिसके चलते राजधानी में डीजल पर टैक्स घटकर अब 40% रह गया है।

कौन राज्य वसूल रहे हैं सबसे ज्यादा वैट?

राजस्थान में सबसे ज्यादा वैट वसूली हो रही है, जहां 1 लीटर पेट्रोल पर 30.51 रुपये वैट ली जा रही है। इसके बाद महाराष्ट्र की सरकार का नंबर है जो 29.99 रुपये, आंध्र प्रदेश 29.02 रुपये और मध्य प्रदेश 26.87 रुपये वैट लेती है।

सबसे कम वैट केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार में है जो सिर्फ 4.93 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह डीजल पर सबसे ज्यादा वैट आंध्र प्रदेश में (21.19 रुपये), राजस्थान में (21.14 रुपये ) और महाराष्ट्र में (20.21 रुपये) वसूला जा रहा है। डीजल पर सबसे कम वैट हिमाचल प्रदेश में है जो कि सिर्फ 4.40 रुपये और उसके बाद अंडमान और निकोबार में 4.58 रुपये है।

24 राज्यों और यूटी ने वैट घटाकर उपभोक्ताओं को दी अतिरिक्त राहत

लद्दाख से लेकर पुडुचेरी तक भाजपा शासित प्रदेशों में पेट्रोल की कीमतें 8.7 रुपये और डीजल की 9.52 रुपये प्रति लीटर तक और कम हो गई हैं। क्योंकि, इन्होंने केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अलावा वैट में भी कमी कर दी है।

मसलन, उत्तराखंड में पेट्रोल के दाम में 1.97 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त कमी आई है तो लद्दाख में यह 8.70 रुपये और कम हो गया है। जबकि, डीजल के दाम में वैट में हुई कटौती के चलते लद्दाख में 9.52 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त कमी आ गई है।

जिन राज्यों में वैट कम करके उपभोक्ताओं को अतिरिक्त राहत दी गई है, उनमें कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मेघालय और लद्दाख शामिल हैं। अलबत्ता कांग्रेस शासित पंजाब सरकार ने भी रविवार को पेट्रोल के दाम 10 और डीजल के 5 रुपये घटाने का जरूर ऐलान किया है।

किन राज्यों ने अभी तक नहीं कम किए हैं वैट?

जिन राज्यों ने अभी तक वैट घटाकर उपभोक्ताओं को राहत नहीं दिए हैं, उनमें कांग्रेस और उसकी सहयोगी दलों की शासित सरकारों राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु शामिल हैं। इसी तरह दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार, केरल की वामपंथी गठबंधन की सरकार, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने भी अभी तक वैट नहीं घटाए हैं। जाहिर है कि इन राज्यों में भाजपा-शासित राज्यों के मुकाबले पेट्रोलियम उपभोक्ताओं को ज्यादा फायदा नहीं मिल पा रहा है।

किन राज्यों में सबसे महंगा और सबसे सस्ता बिक रहा है पेट्रोल?

शुल्क में बदलाव के बाद राजस्थान (जयपुर) में अभी भी 111.10 रुपये, मुंबई में 109.98 रुपये और आंध्र प्रदेश में 109.05 लीटर पेट्रोल बिक रहा है। जबकि ज्यादातर भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल के दाम गिरकर 100 रुपये लीटर से कम हो चुके हैं। सिर्फ कर्नाटक में 100.58 रुपये, बिहार में 105.90 रुपये, मध्य प्रदेश में 107.23 रुपये और लद्दाख में 102.99 रुपये लीटर पेट्रोल मिल रहा है।