नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बीते कुछ दिन पहले शानदार मिशन के जरिए विश्व रिकॉर्ड बनाया. ISRO ने एक साथ पीएसएलवी के जरिए अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च करके विश्व स्तर पर रिकॉर्ड बना दिया है. 2014 में रूस ने एक साथ 37 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे थे. पूरे भारत ने इसरो की इस कामयाबी पर जश्न मनाया, ट्विटर पर भी लोगों ने इसरो के इस काम को सराहा और दुनिया भर के अनेक देशों ने भी इसरो को बधाई दी. यही नहीं दुनिया भर के अनेक अख़बारों में इस खबर को छापा गया लेकिन भारत के पड़ोसी मुल्क चीन ने इस कामयाबी को नहीं सराहा और इसे छोटा बताया, सिर्फ यही नहीं बल्कि इसमें कमियां भी गिनायीं.
चीन की सधी प्रतिक्रिया आई है. चीनी अखबार ने अपने एक लेख में लिखा है कि 104 सैटेलाइट लांच करना भारत के लिए उपलब्धि तो है लेकिन भारत अभी भी स्पेस के क्षेत्र में अमेरिका और चीन से काफी पीछे है.
वहीं, जब भारत ने मंगलयान का सफल मिशन किया था तो चीनी मीडिया ने उसे एशिया के लिए गौरव बताया था. चीन ने कहा था कि वह भारत के साथ मिलकर स्पेस के क्षेत्र में काम करना चाहता है.
चीन मीडिया के इस लेख में कहा गया है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में कामयाबी सिर्फ अंकों के आधार पर नहीं गिनी जा सकती, इसलिए यह एक सीमित कामयाबी है.
चीनी मीडिया के इस लेख में भारत पर तंज कसते हुए कहा गया है कि चीन के दो अंतरिक्षयात्रियों ने पिछले वर्ष 30 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे वहीं, भारत के पास अभी तक स्पेस स्टेशन के लिए कोई भी योजना नहीं है. और तो और चीनी मीडिया ने यह भी कहा कि मौजूदा समय में भारत का कोई भी अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष में नहीं है.