उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ 2 दिन के लिए इलाहाबाद गए थे। वहां पर उन्होंने दलितों की बस्ती में पैदल घूमते हुए परेशानियों को जानने की कोशिश की जबकि प्रशासन और नगर निगम ने सीएम को हकीकत से दूर रखने की भरपूर कोशिश की थी। इतना सब करने के बाद भी सीएम योगी को गली में घूमने के दौरान नाक पर रुमाल रखना पड़ गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ को शहर की किसी एक गन्दी बस्ती में जाना था। मौसम के हाल को देखते हुए प्रशासन ने सर्किट हाउस से थोड़ी दूरी पर स्थित नेवादा जाने का फैसला किया। रातों रात नेवादा की सफाई की गई। बदबू न इसके के लिए इतनी ज्यादा ब्लीचिंग डाली गई कि सीएम के दौरे के समय उसकी महक से लोगों की हालत थी । यहां तक की जब सीएम भ्रमण कर रहे थे, तो उन्हें भी नाक पर अपना दुपट्टा रखना पड़ गया। सुबह सात बजे से ही नेवादा में भारी फोर्स तैनात कर दी गई। सुबह करीब 9.35 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ लाव लश्कर के साथ नेवादा पहुंचे।
अशोकनगर वार्ड के पार्षद अहमद अली को CM योगी ने बुलाया और उनसे पूछा कि आवासीय सुविधा की क्या व्यवस्था है? सफाई की व्यवस्था क्या है? स्ट्रीट लाइट कैसी है नगर स्वास्थ्य अधिकारी राठी को बुलाकर पूछा कि सफाई की क्या व्यवस्था है, कितने लोग यहां काम कर रहे हैं अधिक से अधिक लोगों को लगाकर सफाई व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। पार्षद अहमद अली ने सीएम को बताया कि नेवादा एरिया हर साल बाढ़ से प्रभावित होता है। लोग बेघर होते हैं और भारी मात्रा में नुकसान होता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमे वह अपनी ”नाक”को रूमाल से ढके हुए हैं, ये तस्वीर उस समय की है जब वह इल्लाहबाद में एक दलित बस्ती में गए थे, दलित बस्ती में पहुँचने पर आखिर ऐसा क्या था जो प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी ”नाक’ ढकना पड़ी योगी की इस तस्वीर पर सोशल मीडिया में काफी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि दलितों की बस्ती में दलित रहते हैं और दलित हमेशा से ही भगवा ब्रिगेड के लिए घृणा का पात्र रहे हैं ऐसे हालत में मुंह ढक कर तो जाना संभव नहीं हुआ होगा तो नाक ही ढकनी पड़ी होगी।