आज कल की राजनीति में कुछ ऐसा हो रहा है कि हमें अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। हम आपको बता दें कि हमारे देश भारत के चुनावी माहौल में हर कोई अपने आप को सही साबित करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है ताकि जनता का दिल जीता जा सके।
बीते कुछ समय से कहने को बीजेपी ने अपनी सत्ता का पर्चम कई राज्यों में लहराया है लेकिन केंद्र में उसकी सरकार के कार्यकाल के दौरान ही विपक्षी पार्टियों को भी अच्छे परिणाम मिलने शुरु हो गए हैं।
कांग्रेस मजबूत स्थिति में खुद को करेगी साबित
इस समय बीजेपी पार्टी के सामने सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी नेशनल कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस पार्टी में समय के साथ किए जा रहे बदलाव व एक मजबूत रणनीति तैयार करने से उसे बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ देखें राहुल गांधी द्वारा पार्टी की कमान संभाले जाने के बाद से ही पार्टी व कार्यकर्ता दोनों में एक नया जोश व ताकत देखने को मिल रही हैं।
आगे की रणनीति तैयार कर उठा सकती है बड़ा कदम
वही इन सबके बीच अब उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों फूलपुर व गोरखपुर के लिए उपचुनाव होने वाले हैं।
गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री और फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद दोनों ने अपनी सीटों से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद दोनों सीटें खाली हो गई थी। अब इन सीटों पर 11 मार्च को वोट डाले जाएंगे और 13 मार्च को मतगणना की जाएगी।
जहां इन चुनावों में पार्टी की पूरी कोशिश होगी कि वह भारतीय जनता पार्टी को बराबर की टक्कर दे सके। वहीं पार्टी की आगे की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस चुनावी मैदान में प्रियंका गांधी को भी उतार सकती है। मौजूदा राजनीति में खुद की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी अपने इस कदम पर विचार कर सकती है।
कांग्रेस कमेटी प्रियंका गांधी के नाम पर जता सकती है सहमति
कहा जा रहा है कि, दिल्ली में अयोग्य ठहराये जा चुके आप पार्टी के विधायकों को बाहर कर यहां दोबारा कभी भी उपचुनाव कराए जा सकते हैं। जिसके लिए आप पार्टी की यही सिफारिश थी कि उसके विधायकों पर फैसला आने से पहले चुनाव न कराए जाएं।
विधानसभा की इस सीट से लड़ सकती है प्रियंका गांधी चुनाव
हालांकि इस मसले पर जैसे ही कोई निष्कर्ष निकलता है तो हो सकता है कि कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी को मैदान में उतार कर वोट हासिल कर ले। कांग्रेस पार्टी में प्रियंका एक बड़ा चेहरा है और लोगों में उनकी लोकप्रियता व पहुंच अन्य किसी भी नेता के मुकाबले बेहतर है।