हम आपको बता दें कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण भारत की राजनीति में नया मोड़ आया है और सभी पार्टियों की अब दिशा व हवा बदलने लगी है। हम आपको यह भी बता दें कि इस साल देश के 8 राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही अगले साल के लोकसभ चुनाव सभी पार्टियों के लिए काफी मायने रखता है। जिसे देखते हुए पार्टी ने अपनी रणनीति बनानी भी शुरु कर दी है।
लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हर पार्टी
देश की आने वाली राजनीति को एक बार फिर से नया मोड़ देने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव यूं तो सभी पार्टियों के लिए खास हैं। लेकिन देश की दो सबसे बड़ी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस इस चुनाव में आमने सामने होंगी। पार्टी के नए अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही पूरी कांग्रेस में नया जोश देखने को मिल रहा है। जिसमें पार्टी आगे के चुनाव में कोई कर नहीं छोड़ना चाहती।
कांग्रेस की कमजोर व बीजेपी की मजबूत स्थिति
जहां कांग्रेस के हाथ में अब चुनिंदा राज्यों की सत्ता सिमट कर रह गई है, वहां इस बात से खुद कांग्रेस भी वाकिफ है। पार्टी को अंदाजा है कि वह अपने दम पर अकेले लोकसभा में बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकती है। बीजेपी की मौजूदा स्थिति को देखें तो वह अब सबसे बड़ी पार्टी बनकर जनता के सामने आई है।
इस बात को ही ध्यान में रखते हुए पार्टी मोदी और अमित शाह को हराने के लिए दूसरे पैंतरों पर काम करेगी। आपको बता दें अभी कुछ समय पहले ही सोनिया गांधी ने पार्टी की अध्यक्षता में बजट सत्र के बाद ही एक बैठक रखी थी। कहा जा रहा है कि इस बैठक में देश की करीब 17 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। सभी मौजूदा पार्टियों ने अगले लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने की रणनीति पर बात की है।
कांग्रेस की साथ चलने की रणनीति
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि हम सब अपने मतभेद भुलाकर एक साथ आ जाएं और भाजपा सरकार के खिलाफ लड़े।’
कांग्रेस की अध्यक्षता वाली इस बैठक में मायावती को भी बुलाया गया था लेकिन मायावती इस बैठक में शामिल नहीं हुई। जिसके बाद राहुल ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में ज्यादा जोर देने की जरूरत है और हम सभी को साथ लायेंगे और भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे।’
देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में 80 सीटें हैं, जिनमें से 73 पर बीजेपी की हुकूमत है। बात साफ है कि बीजेपी की हालत यहां पूरी तरह से मजबूत है।