हम आपको बता दें कि देश में आगामी चुनावी माहौल को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। हम आपको यह भी बता दें कि इस साल 8 राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी खुद को मजबूती से पेश करने की हर मुमकिन कोशिश में लगी है, जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
लोगों का विश्वास जीतने के लिए और खुद को एक बेहतर विपक्ष साबित करने के लिए पार्टी एक नया अभियान चलाने जा रही है। कांग्रेस के इस नए अभियान में देश के संविधान को बचाने के लिए एक बड़ा आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत कांग्रेस पार्टी 26 फरवरी से जिलों में महासम्मेलन का आयोजन करेगी। अपने इस नए कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस का कहना है कि वर्तमान समय में संविधान का खुलेआम विरोध हो रहा है और सरकार इस गंभीर विषय पर मौन है।
दलितों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा यह आयोजन
एक तरह से देखा जाए तो कांग्रेस के इस अभियान की शुरुआत 2019 के लोकसभा चुनावों को ध्याने में रखते हुए किया जा रहा है। आगामी चुनावों में खुद को एक मजबूत दावेदार के रुप में पेश करने के लिए इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
पार्टी की यही रणनीति है कि वह किसी तरह से आगामी चुनावों को बीजेपी की सरकार को पस्त कर सके और खुद सत्ता में आ सके। इसके लिए पार्टी खासतौर से दलितों पर अपनी पैठ बनाने की कोशिश में है।
पार्टी उपाध्यक्ष ने दी यह जरुरी जानकारी
कांग्रेस के उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी सिध्दिश्री ने बताया कि पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन भगवती प्रसाद चौधरी की अध्यक्षता में प्रदेश मुख्यालय में आयोजित बैठक में सम्मेलन की शुरुआत 26 फरवरी को हरदोई और समापन 18 अप्रैल को लखनऊ में होगा।
इसके साथ ही चेयरमैन का कहना है कि, ‘वर्तमान सरकार में दलितों पर अत्याचार बढ़ गया है और संविधान में दिए गए अधिकारों से भी छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘दलितों को भारी संख्या में इस सम्मेलन में उपस्थित होना पड़ेगा।‘
कांग्रेस का संविधान बचाओं कार्यक्रम इन जिलों में आयोजित
कांग्रेस पार्टी का संविधान को बचाने के लिए शुरु किया जा रहा यह कार्यक्रम कई जिलों में आयोजित किया जाएगा। पार्टी का यह कार्यक्रम कुछ तरह से होगा…
सबसे पहले यह 26 फरवरी को हरदोई, 5 मार्च को झांसी, 9 मार्च को नोएडा, 12 मार्च को अलीगढ़, 16 मार्च को कानपुर, 19 मार्च को गोरखपुर, 23 मार्च को मऊ, 26 मार्च को चित्रकूट, 30 मार्च को जौनपुर और 6 अप्रैल को गोंडा में यह महासम्मेलन आयोजित किया जाएगा।