मनोहर पर्रीकर जो की रक्षा मंत्री हैं उन्होंने कहा है कि अब सेना के अन्दर खूब जज्बा और साहस आ गया है और ऐसा जज्बा उनके अन्दर पहले नहीं था लेकिन कांग्रेस ने करारा प्रहार किया है। पार्टी ने कहा है कि रक्षामंत्री का यह बयान पिछले 68 सालों में सेना की कुर्बानी और उसके जज्बे का अपमान ही नहीं बल्कि सेना को राजनीतिक रुप से बांटने का प्रयास है। रक्षामंत्री से इसके लिए माफी मांगने की मांग करते हुए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि वे सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर लगातार सियासी छाती ठोक रहे पर्रीकर पर लगाम लगाएं।
दशहरा के बाद सर्जिकल स्ट्राइक पर जारी सियासी संग्राम की दूसरी कड़ी में रक्षामंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह मांग की। उन्होंने कहा कि देश के रक्षामंत्री का यह कहना हैरतअंगेज है कि कि मोदी सरकार के आने से पहले भारतीय सेना में न साहस था, न वीरता थी और न कुर्बानी का जज्बा था।
सुरजेवाला ने कहा कि पर्रीकर इतने पर ही नहीं रूके बल्कि यह भी कहा कि सेना ने पहले कभी दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए सीमा पार कर सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की। उन्होंने कहा कि देश का रक्षामंत्री सेना के साहस का ऐसा घोर अपमान कैसे कर सकता है और सेना की 68 सालों की कुर्बानी की कैसे अनदेखी कर सकता है?
सुरजेवाला ने कहा कि पर्रीकर ही नहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी राजनीतिक फायदे के लिए सेना की वीरता और कुर्बानी को निरंतर कम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और सरकार के नेताओं की यह कोशिश सेनाओं का मनोबल भी गिरा रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि वोट की होड में हमारे सैनिकों के पहले के बलिदान को रक्षामंत्री और भाजपा नेता भूलाने में लगे हैं और सेना को राजनीतिक आधार पर बांटने की यह कोशिश है। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री से यह मांग करती है कि अपने रक्षामंत्री और पार्टी अध्यक्ष को सेना को भाजपा के रंग में रंगने की कोशिशों को तत्काल रोकने का साहस दिखाएं।