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एक बार फिर कांग्रेस पड़ी बीजेपी पर भारी, इस जगह कांग्रेस ने दिया बीजेपी को बहुत ही तगड़ा झटका

हम आपको बता दें कि देश में इसी साल के अंत में तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव और करीब एक साल बाद देश में आम चुनाव भी होने हैं. जैसा कि आप सब जानते हैं कि ऐसे में इन सभी अहम चुनावों से पहले कांग्रेस अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार करते हुए बीजेपी को एक के बाद एक बड़े झटके देती नज़र आ रही हैं.

मध्यप्रदेश उपचुनावों में कांग्रेस को मिली बड़ी जीत

बीते बुधवार को 2 राज्यों की 3 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के आए परिणाम में कांग्रेस ने 2 सीट अपने नाम कर भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह दिखा दिया हैं. जी हाँ मध्यप्रदेश की बेहद अहम मानी जा रहीं कोलारस और मुंगावली विधानसभा सीटों पर हाल ही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने दोबारा जीत दर्ज करके बीजेपी को एक बड़ा झटका दे दिया है.

मध्यप्रदेश सेमीफाइनल में कांग्रेस ने बीजेपी को हराया

इन सीटों को अपने नाम करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और 19 मंत्रियों समेत 40 से ज्यादा विधायकों ने कई सभाए की थी लेकिन वावजूद इसके कांग्रेस से जीत हांसिल करने में बीजेपी असफल रही. चुकी राज्य में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में ये चुनाव सेमीफाइनल माने जा रहे थे.

बीजेपी के हाथ नही लगी एक भी सीट

बता दें कि मुंगावली में कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी कैंडिडेट को लगभग 2,124 वोट से हराया. तो वहीं, कोलारस सीट पर भी 8,083 वोट से कांग्रेस ने जीत दर्ज की. दोनों सीट कांग्रेस विधायकों के हाल ही में हुए निधन की वजह से खाली हो गई थी.

जिनपर 24 फरवरी को वोट डाले गए थे. इसके साथ ही ओडिशा की बीजेपुर उपचुनाव में बीजू जनता दल (बीजेडी) ने बीजेपी को 41,933 वोटों से शिखस्त देकर अपना प्र्चम फैहरा दिया है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली थीं दोनों ही सीटें

मध्य प्रदेश की ये दोनों ही सीटें कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली थीं. जिसे ढहाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज समेत बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी लेकिन कांग्रेस से जीत हांसिल नही कर पाई.

निष्कर्ष

इन चुनावों से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और 19 मंत्रियों समेत 40 से ज्यादा विधायकों ने दौरे, सभाएं कीं, लेकिन बीजेपी की ये तमाम कोशिशें उसे ये जीत नहीं दिला सकी.

ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य में फीका पड़ता बीजेपी का प्रभाव आने वाले चुनावों में उसके लिए काफी मुश्किलें ला सकता है.