AAJ News India – Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, हिन्दी समाचार

कांग्रेस ने बीजेपी को इस जगह चटाई धूल, बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस ने हासिल की बड़ी जीत और रचा इतिहास


आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि हरिद्वार शहर की महत्वपूर्ण सीट पर हुए निकाय चुनाव में कॉंग्रेस ने जीत हासिल की है। आपको बता दें कि कांग्रेस की अनिता शर्मा ने बीजेपी की अन्नू कक्कड़ को 3467 वोट से मात देकर हरिद्वार नगर निगम के मेयर पद पर कब्ज़ा कर लिया.

 

अनीता शर्मा को 59672 वोट पड़े तो अनु कक्कड़ को 56230 वोट मिले. अनीता शर्मा की जीत के बाद कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं ओर नेताओं में भारी खुशी दिखी।

हरिद्वार शहर सीट पर वनवास काट रही कॉंग्रेस के लिए अनीता शर्मा की जीत किसी संजीवनी से कम नहीं है। यह जीत इसलिए भी ख़ास है क्योंकि कांग्रेस पहली बार हरिद्वार नगर पालिका/निगम का चुनाव जीतने में सफल हो पाई है. कांग्रेस के लिए यह जितनी बड़ी जीत है बीजेपी के लिए उससे भी बड़ी हार है।

त्रिवेंद्र सरकार के कद्दावर मंत्री शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के गढ़ हरिद्वार से कॉंग्रेस की इस जीत ने न सिर्फ़ कौशिक बल्कि बीजेपी को भी आईना दिखा दिया है. जीत के बाद अनीता शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए जनता का धन्यवाद दिया और कहा कि वह सभी को साथ लेकर चलेंगी और हरिद्वार के विकास के लिए काम करेंगी.

बीजेपी के गढ़ में हारने वाली अन्नू कक्कड़ अपनी हार को खेल भावना से लेती दिखती हैं या कम से कम कोशिश तो कहती ही हैं। वह कहती हैं कि कांग्रेस को जीत के बधाई और शुभकामनाएं देती हैं।

अपनी हार पर वह कहती हैं कि बड़े-बड़े नेता, मुख्यमंत्री तक चुनाव हार जाते हैं, इसलिए चिंता नहीं करनी चाहिए। चुनाव में हार-जीत चलती रहती है. हरिद्वार में गुटबंदी से जूझ रही कांग्रेस ने इस बार टीम वर्क दिखाने का प्रयास जरूर किया.

उधर,राज्य के कैबिनेट मंत्री के गृह क्षेत्र में जीत दर्ज करके अनिता शर्मा का सियासी कद भी बढ़ गया है। क्योंकि अनिता की तुलना में भाजपा के पास अनुभवी टीम और रणनीति की कोई कमी नहीं थी. फिर भी अनिता ने जीत हासिल करके भाजपा के किले में सेंध लगाने का काम किया है.

राज्य गठन के बाद से एक बार नगरपालिका अध्यक्ष पर जीत के बाद से नगर में कांग्रेस लगातार हारती आ रही थी। बीते लोकसभा और विधानसभा में शिकस्त के बाद कांग्रेस की गुटबंदी भी खासी मुखर हो गई थी.

हरिद्वार में गुटबंदी से जूझ रही कांग्रेस ने इस बार टीम वर्क दिखाने का प्रयास जरूर किया. उधर,राज्य के कैबिनेट मंत्री के गृह क्षेत्र में जीत दर्ज करके अनिता शर्मा का सियासी कद भी बढ़ गया है।

क्योंकि अनिता की तुलना में भाजपा के पास अनुभवी टीम और रणनीति की कोई कमी नहीं थी. फिर भी अनिता ने जीत हासिल करके भाजपा के किले में सेंध लगाने का काम किया है. राज्य गठन के बाद से एक बार नगरपालिका अध्यक्ष पर जीत के बाद से नगर में कांग्रेस लगातार हारती आ रही थी। बीते लोकसभा और विधानसभा में शिकस्त के बाद कांग्रेस की गुटबंदी भी खासी मुखर हो गई थी.

पूर्व सीएम हरीश रावत प्रचार के लिए आए, लेकिन उनकी कहीं जनसभा नहीं कराई जा सकी. राज्य गठन से पहले नगर पालिका पर अधिकांश कब्जा कांग्रेस का रहा।

राज्य गठन बाद वर्ष 2003 में सतपाल ब्रह्मचारी ने कांग्रेस के लिए अध्यक्ष का चुनाव जीता। लेकिन इसके बाद से नगरपालिका अध्यक्ष और निगम बनने के बाद मेयर पर भाजपा काबिज रही.