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बीजेपी के बुरे दिन हुए शुरु, एक बार फिर कांग्रेस ने इस जगह बीजेपी को दी मात

हम आपको बता दें कि हमारे देश भारत की जनता अब पहले से काफी ज्यादा जागरूक हो गई है और यही कारण है कि मोदी लहर फीकी पड़ती नज़र आ रही है| इसी कारण बीजेपी वालों की हालत खस्ता है| हम आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में जहाँ भी चुनाव हुए हैं वहां पर जनता ने बीजेपी को करारा जवाब दिया है|

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ये कांग्रेस  के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है | अभी हाल ही में चित्रकूट में हुए चुनावो में कांग्रेस की भारी मतों से हुई जीत को कांग्रेस अभी तक ढंग से जश्न के माहौल  में से नहीं निकलती थी और भाजपा इसका न ढंग से मंथन पर पाई थी और न ही इस पर शोक मना पायी थी और ऐसे में ही एक और ऐसी खबर आई है जिसने कांग्रेस के खेमे में जश्न को दुगना कर दिया है और भाजपा को और भी निराश करते हुए आइना दिखाया है |

चित्रकूट के बाद मुरैना हुआ कांग्रेसमई

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जी हाँ,कांग्रेस ने चित्रकूट ने हासिल हुए सफलता के बाद एक बार फिर से सफलता का परचम लहराया है | मामला मप्र के मुरैना जिले की सबलगढ़ सीट का है जहाँ पर नगर पालिका के चुनाव अभी निपटे थे | इस सीट पर एक बार फिर से कांग्रेस का दावा दुरुस्त हुआ है |

यहाँ की जीत का जश्न इसलिए भी बन जाता है क्योकि इस सीट से कांग्रेस की चेयरमैन गीता सुरेश चौधरी को हटाने के लिए विरोधियों ने राईट तो काल क़ानून का प्रयोग किया था लेकिन पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पारित करके राईट तो रीकाल के अनुसार दुबारा चुनाव कराया और इस सीट पर दुबारा हुए चुनाव में भी जनता ने गीता को ही जिताया |

ये है सिंधिया की जीत

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इस सीट पर गीता को 2618 मतों से जीत हासिल हुई | जब एक बार हारने की नाकाम कोशिश के बाद भी दुबारा जनता ने गीता पर अपना विश्वास दिखाया तो ऐसे में जिले में भाजपा के खेमे में मातम पसरा हुआ है | इस जीत को वहां के बड़े नेता और देश की कांग्रेस पार्टी के मप्र खेमे से अहम नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की जीत करार दिया जा रहा है |

दुबारा जनता ने गीता पर दिखाया विश्वास

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जब गीता को हारने के लिए भाजपा वालों ने पूरी तरह से घेराबंदी कर ली तो ऐसे में गीता के खिलाफ 14 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोट दिया था | जब अविश्वास प्रस्ताव आया तो शासन ने चुनाव रद्द कर दिया | बाद में कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दुबारा राईट तो रीकाल करने को कहा |

इसके बाद सबलगढ़ में दुबारा वोटिंग हुई और नतीजा एक बार फिर से गीता के पक्ष में रहा | गीता के बेटे ने परिणाम आने के बाद इसे जनता को सिंधिया की जीत बताया |

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