हर किसी को हमारे देश में इसी बात की फ़िक्र है कि हमारे देश के जवानों के साथ यह सब क्या हो रहा है। कुछ जवान यह बात कहते हैं कि खाना खराब मिल रहा है। कुछ जवान इस बात को भी कहते हैं कि अधिकारी देश के जवानों से जूते पॉलिश करवाते हैं। बीएसएफ जवान तेज बहादुर के खुलासे को लेकर देश में अफरा-तफरी मच गई है। इसका असर भले ही भ्रष्ट अधिकारियों पर न हुआ हो लेकिन सीआरपीएफ जवान मीतू सिंह राठौर पर ज़रूर हुआ है।
मध्य प्रदेश ग्वालियर के रहने वाले मीतू सिंह 177 बटालियन में शामिल हैं। मीतू सिंह को बटालियन में 11 साल हो चुके हैं वो बताते हैं कि उन्होंने अपनी 11 साल की सर्विस में अधिकारियों का भ्रष्टाचार देखा है, ट्रेनिंग से लेकर आज तक, हमेशा से ही जो उनके साथ होता आ रहा है।
मीतू सिंह बताते हैं कि उन्होंने बीते 5 सालों में अपने मोबाइल से कई वीडियोज़ बनाए, मगर कभी भी किसी को दिखा ना सके. उन्हें डर था कि कहीं उनके साथ कुछ गलत न हो जाए। लेकिन सीआरपीएफ की इज्जत का भी सवाल है, साथ ही इसका भी डर था कि कहीं अनुशासनहीनता का मुकदमा उन पर दर्ज न हो जाए. मगर तेज बहादूर के वीडियो के बाद मीतू सिंह खुद को रोक नहीं पाए. और उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों से लड़ने का फैसला किया।
मीतू सिंह कहते है जवान सिर्फ और सिर्फ गोली खाने के लिये बना है ना कि जूते साफ करने के लिये. अगर मैं गोली खकर शहीद भी हो जाऊं तो कोई गम नहीं, मगर हम अधिकारियों के कुत्ते जो जूते साफ करे और टेहेल ने के काम आये।
सीआरपीएफ जवान मीतू सिंह राठौर ने सीआरपीएफ में होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर किया है. उसके बाद से ही उन्हें देश के अलग-अलग राज्यों से संदेश आ रहे हैं. जवान उन्हें बधाई दे रहे हैं. उनके हौसले के सलाम कर रहे हैं. आपको बता दें कि जवान मीतू सिंह ने आज-तक से बातचीत में कई अहम खुलासे किए और वीडियो जारी कर भ्रष्टाचार उजागर किया था.
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