उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दुनिया के सात अजूबों में शुमार भारत की धरोहर ताजमहल को टूरिस्ट गंतव्यों की सूची से हटा दिया है। ताजमहल जो कि प्यार की निशानी है अपनी रंगत खोता जा रहा है।
लेकिन आज भी लोगों के दिलों में जो जगह ताजमहल ने बनाई है उसकी जगह अब तक कोई नहीं ले पाया है। ताजमहल सिर्फ देश वासियों के ही दिल में नहीं बस्ता बल्कि सारी दुनिया के लिए भी यह पर्यटन के लिए पहली पसंद है।
ताजमहल सरकार की आमदनी का एक बड़ा जरिया है। आपको यह बात जान कर हैरानी होगी कि सरकार ताजमहल से होनी वाली आय, देश भर के सभी पर्यटन स्थल से दोगुना है।
केंद्र सरकार के एक आंकड़े के मुताबिक ताज महल में एंट्री करने के लिए होने वाली आय 21 करोड़ से ज़्यादा है.पर्यटन मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक ने राज्य सभा में बताया कि ताज महल के बाद आय के हिसाब से दूसरा नंबर आगरा किले का आता है जिससे होने वाली कुल आय करीब 11 करोड़ है.जबकि क़ुतुब मीनार से 10.16, और हुमायूँ तुंब से 7.12 करोड़,लाल किले से 6.15 करोड़ है।
दिल्ली में मौजजूद इतिहासिक इमारतों से होने वाली आय कुल 49.36 है. वहीँ दिल्ली के अलावा फतेहपुर सिकरी की कुल आय 5. 62 है. अगर वबाट करें साउथ की तो चारमीनार से सरकार की कुल आय 84.76 है, जबकि गोलकुंडा फोर्ट से होनी वाली आय 92.92 है।