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पिछले 30 घंटे से जारी है एनकाउंटर, पंपोर में ईडीआई बिल्डिंग में छिपे आतंकी कर रहे हैं फायरिंग

पंपोरपिछले 30 घंटों से चल रहा है जम्मू कश्मीर के पंपोर में आतंकियों के साथ एनकाउंटर. आतंकी ईडीआई नाम की सरकारी बिल्डिंग में छिपकर फायरिंग कर रहे हैं. कल 2 जवान जख्मी हुए हैं. आतंकियों के खात्मे के लिए आज कमांडो ऑपरेशन या बिल्डिंग उड़ाने का फैसला हो सकता है. वहीं रात में करीब 12 बजे और दो बजे दो बार भारी फायरिंग की आवाज सुनी गई.

रह रहकर अंदर से हो रही है फायरिंग

श्रीनगर से 15 किलोमीटर दूर पंपोर में EDI यानी Enterprenurship Development Institute की हॉस्टल बिल्डिंग का नक्शा पिछले 24 घंटे में बदल चुका है. बिल्डिंग से लगातार धुंआ निकल रहा है. बिल्डिंग की एक मंजिल आग में जल चुकी है. रह रहकर अंदर से फायरिंग हो रही है. बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी उनको जवाब दे रहे हैं.

कल सुबह से बिल्डिंग में छुपे है आतंकी

कल सुबह 6. 30 बजे के बाद से बिल्डिंग आतंकियों के कब्जे में है. शक है कि बिल्डिंग के सातवें फ्लोर पर 2-3 आतंकी छुपे हो सकते हैं. बिल्डिंग के मौजूद होने का सबूत है बिल्डिंग के अंदर से हो रही है फायरिंग. फायरिंग में 2 जवान जख्मी हुए हैं.

एबीपी न्यूज संवाददाता आसिफ कुरैशी कल सुबह से पंपोर की इस बिल्डिंग पर आतंकी हमले की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. कल सुबह 6.30 बजे तीन गोलियों की आवाज सुनने के बाद से पंपोर के इस इलाके में सिर्फ गोलियों औऱ धमाकों की ही आवाज सुनाई जा रही है.

आतंकियों को मिल रहा है मजबूत दीवारों का फायदा

ईडीआई की बिल्डिंग इतनी मजबूत बनी हुई है कि ग्रेनेड और रॉकेट लॉचर झेलने के बाद भी दीवारों को कुछ नहीं हुआ है. मजबूत दीवारों का फायदा आतंकियों को भी मिल रहा होगा तभी वो ग्रेनेड, राकेट लॉन्चर से अटैक के बाद भी बचे हुए हैं

ऑपरेशन में आगे दो विकल्प हैं. एक तो कमांडो अंदर घुसकर सीधे आतंकियों का मुकाबला करें. दूसरा विकल्प ये है कि आईईडी लगाकर बिल्डिंग गिरा दी जाए. फिलहाल अभी किसी विकल्प पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है.

झेलम नदी के रास्ते आतंकियों के घुसने का शक

पंपोर में ईडीआई बिल्डिंग की इस सड़क पर 24 घंटे से सिवाय सुरक्षाबलों के किसी और का आना जाना नहीं है. शक है कि बिल्डिंग से सटे शालिन गांव से आतंकी बिल्डिंग में घुसने में कामयाब हुए थे. झेलम नदी के रास्ते आतंकियों के घुसने का शक है.

ईडीआई की हॉस्टल बिल्डिंग में 60 कमरे हैं. किस्मत की बात ये है कि आतंकी हमले के समय कोई छात्र नहीं था. सिर्फ एक कुक था जिसमें आग लगने के बाद दमकल कर्मियों को बुलाया था. दमकल कर्मचारियों पर फायरिंग के बाद ही आतंकियों के होने का पता चला.  नीचे के 4 फ्लोर पर ऑफिस चलता है.

फरवरी में भी हुआ था आतंकी हमला

ईडीआई की बिल्डिंग में फरवरी में भी आतंकी हमला हुआ था. 48 घंटे तक 3 आतंकी बिल्डिंग में छिपे रहे थे लेकिन अंत में मारे ही गए थे. ऑपरेशन में पांच सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक शहीद हुए थे. पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कश्मीर में आतंकी की चौथी बड़ी वारदात है. नौगाम, बारामूला और लंगेट में भी आतंकी हमले हो चुके हैं.