किसान लगभग रोजाना खुदकुशी कर रहे हैं और उनका अपनी खुद की खेती पर गुज़ारा नहीं हो पा रहा है। इस देश का किसान बेहद लाचार और मजबूर है जिसके पास खुदकुशी करने के इलावा कोई और चारा नहीं है। किसान सारे देश का पेट भरता है, अगर किसान ना हो तो लोग भूके मरने लगेंगे। किसान बहुत परेशान है और अपने देश में अपने हक के लिए लड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला किसानो को लेकर सामने आया है। जिसमे किसान 7 दिनों से अनशन पर बैठे हुए है।
जो अपनी मांगे पूरी करने के लिए अपने राज्य को छोड़कर देश की राजधानी में जिन्दगी और मौत से लड़ रहे है। कर्नाटका के किसानो ने देश की राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर अनशन किया है। वो पिछले 7 दिनों से बिना खाना खाये हुए अपनी आवाज़ को देश के नेता और कानून को सुना रहे हैं कि उन्हें इन्साफ चाहिए।
गरीबी और कर्ज के कारण देश के 500 किसान तो अपनी जान दे चुके हैं। इन बेबस किसानो की सरकार भी नही सुन रही है। बैंक से लिए लोन का न चुका पाने के कारण इनकी जमीन इनसे ले ली गयी है। कर्नाटका में किसान सूखे से परेशान है। कावेरी नदी का जल स्तर कम होता जा रहा है। आगामी दिनों में इन्हें शायद पानी भी उपलब्ध न हो पाए और उस पर बैंक की दोहरी मांग कर्ज न चूका पाना जिनके कारण इनका घरो से बेघर हो जाना ,इनकी जमीनो को ले लेना। इसलिए ये सरकार से अपनी इन मांगों पर छुट करवाने के लिए अनशन कर रहे है कि इनका बैंक लोन माफ़ किया जाये।
मिडिया ने जब इन अनशन करने वाले किसानो से सवाल किये तो उनका ये जबाब था कि, हमारी इतनी छोटी रकम होने पर भी बैंक हमारी जमीन छीन रही है हमे बेघर कर रही है। जबकि देश में इतने करोडो का आमिर लोगो को लोन दिया है उनसे बैंक क्यों करोडो रूपए नही निकाल पा रही है ? इसका सबसे बड़ा उदहारण तो विजय माल्या है जिन्होंने देश को इतना बड़ा झटका दिया और देश से ही भाग गये। उनके खिलाफ क्यों नही कुछ करवाई की जाती है?