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तुर्की के बाद अब इस देश ने दिया सीरिया का साथ, उठाया यह बड़ा कदम

हम आपको बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान और उनके फ़्रांसिसी समकक्ष इमानुअल मैक्रॉन ने सीरिया के पूर्वी गोता क्षेत्र पर इंसानियत पर संकट को लेकर चर्चा की है. हम आपको यह भी बता दें कि इस बातचीत में ये बात भी की गई है कि रूस और संयक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा लगाये गए युद्ध विराम के बावजूद दमिश्क शहर में विपक्षी पकड़ वाले इलाके पर सीरिया की सेना लगातार बमबारी कर रही है.

 

इन दोनों नेताओं ने युद्ध के कानून को लागू करने और क्षेत्र में आम नागरिको को सहायता प्रदान करने के लिए रास्ता स्पष्ट करने के लिए शीर्ष स्तर पर वार्ता करने को लेकर सहमती जतायी है सूत्र ने ये सभी बाते नाम न बताने की शर्त पर बतायी है क्योंकि मीडिया से इस बारे में बात करने पर पाबन्दी लगी है.

इस बातचीत के दौरान एर्दोगान ने तुर्की रूस और ईरान के त्रिपक्षीय शिखर सम्मलेन का उल्लेख किया जो अप्रैल की शुरुआत में है और एक संवैधानिक समिति के गठन पर जोर दिया जो सोची कांग्रेस में तय किया गया था.इन दोनों नेताओं ने सीरिया के मसले पर आगे बातचीत जारी रखने पर सहमती व्यक्त की तुर्की की ओर से सीरिया में चल रहे आपरेशन ओलिव के बारे में बात करते हुए एर्दोगान ने बताया की ये आपरेशन तुर्की के राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे को समाप्त करेगा और इस क्षेत्र में लोगो के लिए शांति स्थापित करने में योगदान देगा.

20 जनवरी को तुर्की ने ऑपरेशन ओलिव की शुरुआत वाईपीजी / पीकेके और अफरीन, उत्तर-पश्चिमी सीरिया के आईएसआईएल आतंकवादियों को साफ़ करने के लिए और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए किया है इस बातचीत में एर्दोगान ने बुकिना फासो में शुक्रवार को फ़्रांसिसी दूतावास पर हुए आतंकी हमले की सख्त अंदाज़ में निंदा की.याद रहे की फ्रांस और तुर्की दोनों ही नाटो सदस्य देश हैं और सीरिया मसले को लेकर लगातार संपर्क में हैं.