हम आपको बता दें कि सीरिया में इस वक्त वहां के मुसलामानों के नरसंहार का जो खुनी खेल चल रहा है उसमें रोज़ाना करीब 100 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है.
सैकड़ों सीरियाई अपनी मूलभूत की जरूरत के लिए कर रहे हैं
संघर्ष
मार्च 2011 से चल रहे इस नरसंहार में अभी तक लगभग 13,500 मुसलमानों की जान जा चुकी है और सैकड़ों सीरियाई मासूम लोग अपनी जरुरत की चीज़ों के लिए संघर्ष करने के लिए मजबूर है. ऐसे में अब इन लोगों के लिए फ़रिश्ते बन चले हैं ये तीन बड़े देश.
सीरिया की मदद के लिए तुर्की ने उठाया ये बड़ा फैसला
जी हाँ हाल ही में तुर्की ने अपने ग्रहयुद्ध से परेशान सीरिया और अन्य दक्षिणी पड़ोसियों को अपनी जरुरत के अनुसार अतिरिक्त बिजली बेचने का फैसला लिया है. ये फैसला लेते हुए बीते शुक्रवार को तुर्की की ओर से ये बयान जारी करते हुए कहा कि,
“वह अब प्राकृतिक गैस से ज्यादा बिजली पैदा करता है.”
तुर्की का साथ देगा रूस
हालांकि खबर ये भी है कि तुर्की इसमें अकेला नहीं होगा, उसके साथ बड़ा देश रूस भी साथ मिलकर सीरिया के लिए बिजली उपलब्ध कराने वाली इस योजना पर काम करेगा.
मुस्लिम देश ईरान भी है शामिल
बताते चले कि इस वक्त रूस, ईरान के साथ मिलकर कई सालों से तुर्की में बहुत से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करता रहा है. ऐसे में मॉस्को में अपने इस फैसलें पर रूस के अधिकारियों के साथ वार्ता के लिए तुर्की के एर्गुवेन ने बताया कि..
“सीरिया में विनाशकारी युद्ध खत्म होने के बाद, सीरिया निश्चित रूप से प्रमुख पुनर्निर्माण परियोजनाएं होंगी और बिजली की ज़रूरत को पूरा किया जाएगा.”
बिजली उत्पादन के लिए तीनों देशों के अफ़सरों का होगा गठन
इसके साथ ही लिमक एनर्जी के अध्यक्ष ने दुनिया को अपनी इस परियोजना का इशारा देते हुए कहा कि..
“क्षेत्र में नए ऊर्जा व्यापार के अवसरों का गठन किया जा सकता है और वर्तमान सीरिया और अन्य दक्षिणी पड़ोसियों को ऊर्जा देने के लिए तुर्की अहम भूमिका निभाएगा. तुर्की सीरिया के लिए बहुत अनुकूल शर्तों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए रूस के साथ सहयोग कर सकता है.”
इस योजना के जरिये तीनों देश करने जा रहे हैं एक नायाब एक्सपेरिमेंट
इस योजना को हरी झंडी दिखाते हुए तुर्की की ओर से भी बयान जारी करते हुए ये कहा गया कि..
“अगर ऐसा मॉडल विकसित किया गया और कामयाब साबित हुआ तो दुनिया भर के विभिन्न देशों में इसी तरह का सहयोग बनाया जा सकता है, वहां भी बिजली दी जाएगी.”
इस योजना से होगा सीरिया समेत कई देशों का फ़ायदा
जानकारी के लिए बता दें कि तुर्की के लिमक एनर्जी के अध्यक्ष ने कहा कि..
“यह एक विचार है जो हमने विकसित किया है. अभी यह योजना पूरी तरह से तैयार नहीं की गयी है इसपर काम चल रहा है. इस क्षेत्र में तुर्की-रूस का सहयोग एक ऐसा पहलू है जो ना सिर्फ दोनों देशों के लिए स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पड़ोसी देशों को भी इसका फायदा होगा. मुझे लगता है कि यह सहयोग भी अर्थव्यवस्था पर सफलतापूर्वक प्रतिबिंबित करेगा.”
भविष्य की बेहद महत्वपूर्ण योजना होगी साबित
इसी दौरान उन्होंने ये भी कहा कि,
“तुर्की ने रूस में विशेष रूप से निर्माण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परियोजनाओं में हिस्सा लिया है. यह परियोजनाएं हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. हम इस अनुभव से हासिल किये गये फायदों के साथ, हम रूस और साथ ही तीसरे देशों में समान परियोजनाएं कर सकते हैं.”