अस्पतालों में मिलने वाले ब्लड पर भी 12.5 फीसदी जीएसटी लागू किया गया है. इस वजह से राजस्थान स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूज़न काउंसिल ने ब्लड बैंकों से मिलने वाले ब्लड के दाम बढ़ा दिए हैं. एक यूनिट पर अब 400 रुपए ज्यादा यानी 1250 रुपए देने होंगे. डेढ़ साल में सीटी स्कैन जांच और डायलिसिस के बाद यह तीसरी बढ़ोतरी है. इससे पहले ब्लड बैंक में पहले 850 रुपए प्रति यूनिट शुल्क तय था. जिले में हर महीने 2900 मरीजों को ब्लड की जरूरत होती है.
थैली के दाम बढ़ने के कारण काउंसिल ने प्रति यूनिट के दामों में बढ़ोतरी कर दी. गर्भवती को डिलीवरी के समय सबसे ज्यादा खून की जरूरत पड़ती है. नए आदेशों के चलते मरीजों को हर महीने 11.60 लाख रुपए रक्त बैंक को ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा. एसके अस्पताल में रक्त बैंक प्रभारी डॉ. राजेंद्र सैनी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने इसके आदेश जारी किए हैं. प्रति रक्त यूनिट 1250 रुपए लिए जा रहे हैं.
पहले यह राशि 850 रुपए थी. जिले में चार रक्त बैंक संचालित हैं. मित्तल रक्त बैंक में औसतन हर माह 1150 रक्त यूनिट की खपत होती है. एसके अस्पताल की सरकारी रक्त बैंक में 800 रक्त यूनिट हर माह खपत हो जाती है. इसके अलावा केएम मेमोरियल और गेटवेल रक्त बैंक में भी हर माह औसतन 950 यूनिट खप जाता है.
गर्भवती, घायलों और थैलेसीमिया पीड़ितों को सबसे ज्यादा जरूरत : सबसे ज्यादा ब्लड की जरूरत गर्भवती महिलाओं को होती है. इसके अलावा हादसों में घायल होने वाले लोगों को ब्लड की जरूरत पड़ती है. थैलेसीमिया पीड़ित मरीजों को भी हर माह ब्लड लगाने की जरूरत होती है.