ये केस बहुत जगह पे सामने आया है जहाँ पे हिन्दू लड़कियां मुस्लिम हो जाती हैं फिर उनके पिता की संपत्ति उनको नहीं मिलती और इसको देखते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने ये फैसला ले ही लिया।
आज गुजरात हाई कोर्ट ने धर्म बदलकर मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने वाली हिन्दू लड़की को उसके पिता की संपत्ति में अधिकार देने का आदेश दिया है न्यायाधीश जेबी पर्दीवाला ने आदेश में कहा कि लड़की का हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत पिता की पैतृक संपत्ति में हिस्सा होगा। न्यायाधीश पर्दीवाला ने आदेश में कहा कि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम में धर्म बदलने पर वारिस को पैतृक संपत्ति से वंचित करने का प्रावधान नहीं है.
हाई कोर्ट ने राज्य के राजस्व विभाग को आदेश दिया कि महिला के पिता के उत्तराधिकारियों में उसका नाम भी शामिल किया जाए. राजस्व विभाग ने महिला का नाम उत्तराधिकारियों की सूची से यह कहकर हटा दिया था कि वो मुसलमान बन चुकी है इसलिए वह अपने पिता की वारिस नहीं रही. नसीमबानो फिरोजखान पठान गुजरात के वडोदरा की रहने वाली हैं।
फिरोज खान से शादी करने से पहले वह 11 जुलाई 1990 को मुसलमान बन गई थी. नसीमबानो के पिता भीखाभाई का साल 2004 में देहांत हो गया. उनके पिता के पास गाँव में काफी जमीन थी. जब नसीम ने अपने पिता की संपत्ति में अपने हिस्से पर दावा किया और वारिसों की सूची में अपना नाम डालने की अर्जी दी तो उनके भाई-बहनों ने इसका विरोध किया।
डिप्टी कलेक्टर ने नसीम के पक्ष में फैसला देते हुए माना कि पैतृक संपत्ति में उसका हिस्सा होना चाहिए. लेकिन कलेक्टर और राज्य के राजस्व सचिव ने डिप्टी कलेक्टर का फैसला बदलते हुए व्यवस्था दी कि नसीमबानो अपनी मर्जी से मुसलमान बनी है इसलिए उसके मामले में हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम लागू नहीं होते।