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कैसे करें सूचना के अधिकार का ऑनलाइन अपील या शिकायत (How to file RTI Online Appeal or Complaint)

क्या आपको RTI फाइल करना है? अगर हाँ तोह आप यहाँ सीख सकते हैं की कैसे RTI file करें। RTI Application Form in Hindi आपको नीचे मिलेगा।

क्या लोक सूचना अधिकारी ने आपको जवाब नहीं दिया या दिया भी तो ग़लत और आधा-अधूरा? क्या प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी आपकी बात नहीं सुनी? ज़ाहिर है, अब आप प्रथम अपील या शिकायत करने की सोच रहे होंगे। अगर मामला केंद्रीय विभाग से जुड़ा हो तो इसके लिए आपको केंद्रीय सूचना आयोग आना पड़ेगा। आप अगर बिहार, उत्तर प्रदेश या देश के अन्य किसी दूरदराज के इलाक़े के रहने वाले हैं तो बार-बार दिल्ली आना आपके लिए मुश्किल भरा काम हो सकता है। लेकिन अब आपको द्वितीय अपील या शिकायत दर्ज कराने के लिए केंद्रीय सूचना आयोग के दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब आप सीधे सीआईसी में ऑनलाइन द्वितीय अपील या शिकायत कर सकते हैं। सीआईसी में शिकायत या द्वितीय अपील दर्ज कराने के लिए हीं rti.india.gov.in में दिया गया फार्म भरकर जमा करना है। क्लिक करते ही आपकी शिकायत या अपील दर्ज हो जाती है।

दरअसल यह व्यवस्था भारत सरकार की ई-गवर्नेंस योजना का एक हिस्सा है। अब वेबसाइट के माध्यम से केंद्रीय सूचना आयोग में शिकायत या द्वितीय अपील भी दर्ज की जा सकती है। इतना ही नहीं, आपकी अपील या शिकायत की वर्तमान स्थिति क्या है, उस पर क्या कार्रवाई की गई है, यह जानकारी भी आप घर बैठे ही पा सकते हैं। सीआईसी में द्वितीय अपील दर्ज कराने के लिए वेबसाइट में प्रोविजनल संख्या पूछी जाती है। वेबसाइट पर जाकर आप सीआईसी के निर्णय, वाद सूची, अपनी अपील या शिकायत की स्थिति भी जांच सकते हैं। इस पहल को सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम माना जा रहा है। सूचना का अधिकार क़ानून लागू होने के बाद से लगातार यह मांग की जा रही थी कि आरटीआई आवेदन एवं अपील ऑनलाइन करने की व्यवस्था की जाए, जिससे सूचना का अधिकार आसानी से लोगों तक अपनी पहुंच बना सके और आवेदक को सूचना प्राप्त करने में ज़्यादा द़िक्क़त न उठानी पड़े।

आरटीआई ने दिलाई आज़ादी

मुंगेर (बिहार) से अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता ओम प्रकाश पोद्दार ने हमें सूचित किया है कि सूचना का अधिकार क़ानून की बदौलत बिहार में एक ऐसा काम हुआ है, जिसने सूचना क़ानून की ताक़त से आम आदमी को तो परिचित कराया ही, साथ में राज्य की अ़फसरशाही को भी सबक सिखाने का काम किया। दरअसल राज्य की अलग-अलग जेलों में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे 106 क़ैदियों की सज़ा पूरी तो हो चुकी थी, फिर भी उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा था। यह जानकारी सूचना क़ानून के तहत ही निकल कर आई थी। इसके बाद पोद्दार ने इस मामले में एक लोकहित याचिका दायर की। मार्च 2010 में हाईकोर्ट के आदेश पर ससमय परिहार परिषद की बैठक शुरू हुई, जिसमें उन क़ैदियों की मुक्ति का मार्ग खुला, जो अपनी सज़ा पूरी करने के बावजूद रिहा नहीं हो पा रहे थे।

क़ानून के तहत सूचना एकत्र करने के लिए प्रार्थना पत्र का नमूना : हिंदी में आरटीआई आवेदन फार्म

Sample of application to seek information under RTI Act 2005
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सेवा में

                          सूचना अधिकारी
                          विभाग ( विभाग का नाम लिखें)
पता…………………………………………….
पिन कोड……………………………………….

विषय:              सूचना का अधिकार क़ानून -2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्ति के लिए आवेदन

महोदय / महोदया,

महोदय कृपया सूचना का अधिकार  क़ानून -2005 के तहत नीचे लिखे प्रश्नों का लिखित उतर देने की कृपा करें|

1. प्रश्न: ( कृपया अपने प्रश्न या प्रश्नों को क्रमांक दे कर जवाब माँगें) जैसे…

(क) प्रश्न एक……………………………………….
(ख) प्रश्न दो…………………………………………

2. समय अवधि जिसके दौरान सूचना वांछित है ( उदाहरण: 20 मार्च से 19 जून 2013)
3. यदि जाँच के लिए आग्रह है तो जाँच का पूरा विवरण ( यदि नही तो छोड़ दें)

नोट: कृपया सूचना प्राप्ति का आवेदन देने से पहले अच्छी  तरह पता कर लें की सूचना अधिकारी का नाम क्या है ओर उसका पता क्या है?)

4. सूचना प्राप्ति के लिए दस रुपये फीस ली जाती है | आप अपने आवेदन के साथ 10 रुपये का पोस्टल ऑर्डर संलग्न कर सकते है | पोस्टल ऑर्डर का एक पन्ना अपने पास सुरक्षित रख लें और बड़ा हिस्सा इस प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कर लें)| सूचना देने का शुल्क दो रुपये प्रति ए-फॉर कागज लिया जाएगा|

5. शुल्क की जानकारी इस तरह से दें| पोस्टल ऑर्डर/ बॅंक ड्राफ्ट का नंबर……….. जारी करने की तारीख………………राशि………………….

6. यदि आप ग़रीबी रेखा से नीचे हैं तो आपको सूचना का अधिकार लेने के लिए कोई शुल्क नही देना है |उसका ब्योरा दें  और सत्यापित दस्तावेज़ साथ लगाएँ|

कृपया निर्धारित अवधि के तहत सूचना प्रदान करने की कृपा करें|

भवदीय

( हस्ताक्षर करें)
फिर अपना पूरा नाम लिखें
कृपया अपने घर का पूरा पता पिन कोड सहित लिखें ताकि माँगी गई सूचना सही पाते पर पहुँचे|
फ़ोन संख्या: अपना फ़ोन नंबर लिखें | ईमेल है तो वह भी लिखें

नोट: प्रार्थना पत्र की एक कापी अपने पास ज़रूर रखें| यदि आपको एक माह के भीतर कोई जवाब नही मिलता तो आप सूचना अधिकारी की शिकायत सूचना आयुक्त से कर सकते हैं| हर राज्य में एक सूचना आयुक्त नियुक्त किया जाता है| ग़लत सूचना देने, देरी से देने और सूचना ना देने के दोषी सूचना अधिकारी के खिलाफ करवाई करने का प्रावधान है|