यह बात तो हर किसी को मालूम होगी कि सबसे खतरनाक और जानलेवा कोई बीमारी अगर है तो वह एड्स है। एड्स को लेकर लोग काफी परेशान रहते हैं और लोगों ने एड्स पर अपने अलग-अलग विचार भी दिए हैं। जिस भारतीय मूल कपल के बारे में हम बात करने जा रहे हैं वह दक्षिण अफ्रीका में रहते हैं और बहुत बड़े शोधकर्ता हैं।
एचआईवी-एड्स के मामले में इस दंपत्ति ने जो सराहनीय और अविश्वश्नीय योगदान दिया है उसके लिए उन्हें अमेरिका सरकार द्वारा एक प्रतिष्ठित पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है ।
इस दंपत्ति का नाम अब्दुल करीम और कुरैशा करीम है जिन्हें अमेरिका के बाल्टीमोर के इंस्टिट्यूट फॉर वाइरोलॉजी की जानिब से ये बड़ा पुरुष्कार दिया गया है । ये सम्मान उन्हें खुद महान शोधार्थी रोबेर्ट गैलो ने अमेरिका में आयोजित 19 वें इंटरनेशनल समारोह में दिया है ।
आपको गैलो के बारे में बताये तो गैलो वो इन्सान है जिसने ये खोज की थी कि HIV की वजह से एड्स होता है । गैलो ने अपने दिए भाषण के दौरान कहा कि इस कपल ने HIV एड्स से जुड़े जान स्वस्थ और महामारी विज्ञानं के इतिहास में महान योगदान अपनी खोज से दिया है जिससे इस बीमारी की रोकथाम और इससे पीड़ित लोगों की देखभाल बड़ी सुलभ हो जाएगी ।
सलीम अब्दुल करीम सेण्टर फॉर दी ऐडा प्रोग्राम ऑफ़ रिसर्च इन साउथ अफ्रीका में डायरेक्टर हैं और उनकी पत्नी कुरैशा यहीं पर एसोसियेट साइंटिफिक डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं । इन दोनों ने टेनेफोविर जेल नाम की दवा इजाद की थी जो एड्स में बहुत कारगार साबित हुई ।
भारत मूल के होने के कारण आज न सिर्फ भारत का मुस्लिम समाज बल्कि पूरा देश इनकी इस अभूतपूर्व खोज के लिए गर्व महसूस कर रहा है और इन्हें दुआएं दी जा रही हैं ।
जहाँ एक ओर भारत में और न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में जैसे मुस्लिमों को एक गलत धारणा कायम करके देखा जाता है उस मिथक को तोड़कर मानव हित का जो काम इन्होने किया है वो काबिले तारीफ तो है ही साथ ही मुस्लिम समुदाय के प्रति व्याप्त एक मिथक को जो कि गलत है उसे भी तोड़ता है ये ।
जरूरत है कि अब पूरी दुनिया को मुस्लिमों के प्रति बनाई हुई इस मिथक को तोडना चाहिए क्योकि हर समुदाय में कुछ एक अराजक तत्व होते हैं लेकिन उनकी वजह से सबको ऐसे ही सोचना गलत है । भारत में खासतौर से जो राजनैतिक माहौल बना है उस हिसाब से यहाँ ज्यादा सुधार की जरूरत है और आशा है ऐसी ख़बरों से सुधार होगा ।