8 नवम्बर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी कामयाब नहीं रही। मोदी द्वारा की गई नोटबंदी को देशवासी और विदेशी मीडिया बहुत बेवकूफी भरा कदम बता रही है। भारत के लोग नोटबंदी से परेशान हैं और विदेशी मीडिया मोदी के इस कदम का मजाक उड़ा रही है।
विदेशी मीडिया ने मोदी की नोटबंदी को एक बिना सोचा-समझा कदम बताया और ख़ूब मज़ाक बनाया। विदेशी मीडिया में मोदी की चर्चे आम है। आये दिन विदेशी मीडिया में मोदीजी का मज़ाक बनता रहता है।
विदेशी मीडिया का कहना है की मोदीजी 500 और 1000 के नोट बंद करने का कोई मतलब नहीं है। एक इंटरव्यू में भारतीय पत्रकार ने अमेरिकन अर्थशास्त्री से नोटबंदी के बारे में कुछ सवाल पूछे। जब भारतीय पत्रकार ने अमेरिकन अर्थशास्त्री को कहा की नोटबंदी कालेधन को बाहर लाने के लिए की गई तो इसके जवाब में अमेरिकन अर्थशास्त्री ने कहा की नोटबंदी से कालाधन एक वक़्त के लिए रूक सकता है, पूरी तरह ख़त्म नहीं हो सकता, थोड़े समय के बाद इससे ज्यादा कालाधन वापस हो जायेगा।
अमेरिकन अर्थशास्त्री ने ये भी कहा की नोटबंदी जैसा कदम उठाने से पहले सरकार को चेतावनी देनी चाहिए थी और जनता को डराने की बजाय भरोसा दिलाना चाहिए था। 20 डॉलर के नोट को डिज़ाइन करने में हमें कई साल लगे और ये जनता का हक़ है की उनको पता चले की उनके पैसों का क्या हो रहा है। अमेरिकन अर्थशास्त्री ने ये भी कहा की चन्द कालाधन रखनें वालों को पकडनें के लिए पूरी जनता को डराना सही नहीं है।