भारतीय रेल की ओर से लोगों के लिये बहुत अच्छी खुशखबरी है। काफी इंतज़ार करवाने के बाद रेलवे ने यात्रियों के लिये कैटरिंग की नई पालिसी लॉन्च की है। इस नई पॉलिसी के तहत आईआरसीटीसी अपने ही रसोई में खाना बनवाएगी। और उसके बाद उस खाने को यात्रियो तक आउटसोर्स प्रफेशनल कंपनी के ज़रिये से पहुंचायेगी।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कल रेलवे की नई पॉलिसी निकाली थी, जिसके तहत खाने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को सौप दी गई थी। खराब खाने की शिकायत को दूर करने के लिए रेलवे ने एक बार फिर रेलवे ने खाने की जिम्मेदारी इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को सौपी है।
- इन पॉलिसी के तहत बड़ा बदलाव यह हुआ है कि- ट्रेनो की किचन में खाना नही पकाया जाएगा, बल्कि ट्रेनो की पेट्री में व्यवस्था इस प्रकार होगी कि पेट्री में आया हुआ भोजन गरम रहे।
- पहले रेलवे में खाना कहां पकेगा इस का फैसला कंट्रैक्टर ही करते थे। मगर अब नई पॉलिसी के तहत खाना आईआरसीटीसी के नियंत्रण में पकाया जाएगा। और ट्रेनो में खाने बाटने का काम हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लोग संभालेगे।
- 7 साल के बाद आईआरसीटीसी को फिर से भोजन मुहैया कराने की जिम्मेदारी दी गई है। जहां नई पॉलिसी के तहत जानी मानी फूड कंपनी की चेन को जोड़ा जाएगा।
- नई पॉलिसी के तहत नए लाइसेंस नही निकाले जाएंगे, जैसे-जैसे कंट्रैक्टर के कॉन्ट्रैक्ट खत्म होते जाएंगे। वैसे-वैसे सारी भोजन की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी पर आती जाएंगी।
- नई कैटरिंग पॉलिसी में महिलाओं के सशक्तिकरण के हेतु कैटरिंग ठेकों में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था की गई है. कहा जा रहा है कि नई नीति में सामाजिक दायित्व का ध्यान रखते हुए सभी स्टेशनों पर 33 फीसदी स्टॉल महिलाओं को दिए जाएंगे