जैसा कि आप सब जानते हैं कि दुनिया के साथ-साथ हमारे देश में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हम आपको बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण कई चीजों पर पाबंदियां भी लगाई जा रही हैं.
उत्तर प्रदेश में भी हर दिन कोविड के नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना के कारण भारतीय रेल पर भी इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिला है. बढ़ते संक्रमण के बीच रेल यात्रियों की संख्या भी पहले के मुताबिक कम हो गई है. देश की कारपोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन लखनऊ-नई दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के भविष्य पर कोरोना महामारी के कारण संकट छा गया है. भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने अब तेजस एक्सप्रेस को हफ्ते में सिर्फ तीन दिन चलाने का निर्णय लिया है.
बाकी ट्रेनों से अलग है ये ट्रेन
प्रदेश में तेजस एक्सप्रेस 25 जनवरी से 15 फरवरी तक हफ्ते में तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को चलेगी. जबकि सोमवार को इस ट्रेन का संचालन निरस्त होगा. बता दें, तेजस एक्सप्रेस कारपोरेट ट्रेन है. जिसका संचालन आइआरसीटीसी (IRCTC) करता है. इस ट्रेन में सफर करने के लिए यात्रियों को आइआरसीटीसी की वेबसाइट से ही बुकिंग करनी पड़ती है. तेजस एक्सप्रेस बाकी ट्रेनों से अलग है. एयर होस्टेज की तरह ट्रेन होस्टेज की सुविधा तेजस एक्सप्रेस को अलग बनाती है. किसी भी यात्री की सफर के दौरान कुछ चोरी हो जाने पर या ट्रेन के लेट होने पर रेलवे की तरफ से मुआवजा भी देने की सुविधा है. इन सब कारणों से ही यह ट्रेन यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
तीन दिन चलेगी तेजस एक्सप्रेस
बता दें, आआरसीटीसी ने 15 जनवरी तक इस ट्रेन का हफ्ते में 6 दिन कराने का फैसला लिया था, लेकिन यात्रियों की कमी होने के कारण इसे 4 फिर 4 दिन चलाने का निर्णय लिया गया है, लेकिन एक बार फिर से इसके संचालन को कम कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, 16 फरवरी से यह ट्रेन फिर से हफ्ते में 4 दिन शनिवार, रविवार, सोमवार और शुक्रवार को चलाई जाएगी.
रात 10 बजे के बाद से ट्रेन में शोर करना पड़ेगा मंहगा
आपको बता दें, चलती ट्रेन में रात को तेज आवाज बात करना, शोर मचाना और गाना सुनना अब यात्रियों को महंगा पड़ेगा. अगर आप भी ट्रेन में देर तक बात करते हैं, तो सावधान हो जाए. ट्रेनों में रात 10 बजे के बाद तेज आवाज होने पर टीटीई और टिकट चेकिंग स्टाफ के साथ आरपीएफ के जवान कार्रवाई करेंगे. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक नीरज शर्मा ने आरपीएफ अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी जोनल रेलवे प्रबंधकों को पत्र जारी किया है. पत्र में बताया गया है कि यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर अभियान चला जाए.