अब हम बात करते हैं जिग्नेश मेवानी की जिन्होंने बीजेपी को गुजरात चुनाव में हराने की कोशिश की थी। हालाँकि, वो वाडगम विधानसभा से निर्दलीय चुनाव जीतने में सफल रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार गवांते गवांते किसी तरह से मामूली बहुमत से सत्ता बचाने में सफल रही। लेकिन जिग्नेश मेवानी भाजपा के खिलाफ महाराष्ट्र में भी आन्दोलन की ज़मीन तैयार करने में लग गये है।
अंग्रेजो के लिए लड़ी दलित सेनाओ की मराठा के पेशवा की सेनाओ पर जीत को लेकर पुणे में बड़ा आयोजन किया जा रहा है। ये आयोजन इस जंग के दो सौ साल पुरे होने के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। देश के विभिन्न राज्यों से लाखो लोगो के दलित रैली में पहुचने की उम्मीद है। इस रैली के लिए जो पम्पलेट बाटे गये है उसमे भाजपा की सरकार के उत्पीडन की बात भी उठाई गयी है।
सबसे बड़ी बात ये है कि रैली में जिग्नेश मेवानी के अलावा रोहित वेमुला की माँ राधिका वेमुला भी शामिल होंगी। ऐसा माना जा रहा है कि रोहित वेमुला के उत्पीडन का मुद्दा एक बार फिर उठ सकता है। इस रैली से भाजपा और उसके समर्थक संघठनो की नींद उड़ गयी है। हिन्दू महासभा ने तो इसे देश विरोधी रैली बता दिया है।
रैली का विरोध पेशवा के वंशज और ब्राहमण महासंघ ने भी विरोध किया है, इन लोगो ने पुलिस से आयोजन की अनुमति ना देने को कहा है वही आयोजको का कहना है कि रैली तय दिन और तय समारोह स्थल पर ही होगी।