इसलामाबाद: काबा शरीफ के इमाम पाकिस्तान के दौरे पर गए हुए थे! यहाँ पर वह इस्लामी यूनिवर्सिटी के कैंपस भी गए जहाँ पर उन्होंने यह बात कही कि हलाल व हराम का नामुनासिब फतवा जारी करना मुनासिब कदम नहीं है! यह काम अगर मुफ़्तीयों और आलिमों तक ही महदूद रहे तो ज्यादा बेहतर होगा!
काबा शरीफ के इमाम शेख डॉक्टर सालेह बिन हमीद ने कहा कि हलाल खाने का विषय सिर्फ खाने तक ही महदूद नहीं है, पीने की चीज़ें और दवायें और अन्य मामलों पर भी लागू है! उन्होंने यह भी कहा कि हराम खोराक का शरीर पर खतरनाक प्रभाव होता है!
उन्होंने कहा कि हलाल व हराम का फर्क कुरानी आयतों में आया है। इस मामले में सऊदी अरब की फिका अकेडमी इस विषय पर कई सम्मेलन और बैठकों का आयोजन करके कई चीजें जारी कर चुके हैं!