देश की पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ आज एक बार फिर से कांग्रेस में शामिल हो गई हैं, आपको बता दें कि मनमोहन सरकार में बाल विकास मंत्री रही कृष्णा तीरथ साल 2014 के चुनाव में उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट पर उदित राज से हार गई थीं।
उसके बाद इन्होंने साल 2015 में बीजेपी की राह पकड़ ली थी लेकिन आज एक बार फिर से इनकी कांग्रेस में वापसी हो गई है, यह भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
कृष्णा तीरथ ने फिर थामा कांग्रेस का दामन
गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कुछ पहले एक अखबार से कृष्णा तीरथ के वापस आने की इच्छा का जिक्र किया था, उन्होंने मीडिया में बयान दिया था कि तीरथ ने वापस आने की इच्छा जाहिर की है और पार्टी हाईकमान को चिट्ठी भी लिखी है, जिस पर जल्द फैसला आ सकता है और वो फैसला आज हो गया और तीरथ एक बार फिर से कांग्रेस की सदस्य बन गईं।
कृष्णा तीरथ चार बार विधायक रहने के बाद यूपीए 2 में सांसद बनी थीं
खास बातें
- कृष्णा तीरथ चार बार विधायक रहने के बाद यूपीए 2 में सांसद बनी थीं।
- मनमोहन सरकार में कृष्णा तीरथ महिला और बाल विकास मंत्री थीं।
- भाजपा में शामिल होने के बाद कृष्णा तीरथ ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी ल!ड़ा था लेकिन उन्हें हा!र मिली थी।
- दिल्ली की राजनीति में कृष्णा तीरथ को बड़ा द!लि!त चेहरा माना जाता है।
- दिल्ली विधानसभा की उपसभापति भी रही हैं तीरथ
ये है कृष्णा तीरथ का अब तक सफ़र
दिल्ली विधानसभा की उपसभापति भी रही हैं कृष्णा तीरथ।
1984 में वह पहली बार विधायक चुनी गई थीं।
तीरथ शीला सरकार में सोशल वेलफेयर मंत्री रही हैं लेकिन बाद में शीला दीक्षित से मतभेद के चलते उन्हें मंत्री पद से हटाकर दिल्ली विधानसभा का उप सभापति बनाया गया।
2004 में वो भाजपा की अनीता आर्या को हराकर लोकसभा की सदस्य बनी थीं।
2009 में वह एक बार फिर से भाजपा की ही मीरा कांवरिया को हराकर सांसद चुनी गईं थी लेकिन बाद में उन्हें मनमोहन सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।
तीरथ पर अपनी मंत्री पद के गलत प्रयोग के भी आरोप लगते रहे हैं।
विवादों से पुराना नाता रहा है तीरथ का
कृष्णा तीरथ का नाम उस समय पहली बार विवाद में आया, जब 2010 में सरकार की ओर से एक अखबारों में पूरे पेज एक विज्ञापन छपा जिसमें पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल तनवीर महमूद अहमद के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की तस्वीर छपी।
हालांकि इस विज्ञापन के छपने के बाद पहले तो तीरथ ने गलती मानने से इनकार कर दिया लेकिन बाद में इस मसले पर मांफी मांगते हुए इसकी जांच के आदेश दिया था.
तीरथ पर अपनी मंत्री पद के गलत प्रयोग के भी आरोप लगते रहे हैं। तीरथ पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपनी बेटी यश्वी तीरथ को दूरदर्शन में एंकर के तौर पर शामिल किये जाने की सिफारिश की थी। जिसे सेंट्रल ट्रिब्यूनल ने रद्द कर दिया था।