तो चलिए अब हम बात करते हैं सऊदी अरब के बारे में। हम आपको बता दें कि सऊदी अरब में तेल पैदा होता है और सोने के पहाड़ भी हैं। हम आपको यह भी बता दें कि मक्का दुनियां का एक अकेला ऐसा शहर है, जहां बाजार 24 घन्टे रात दिन खुले रेहते हैं।
यहां ज्यादातर खरीददारी औरतें ही करती हैं लेकिन पर्दे में रह कर फिर भी कभी यहां बलात्कार या छोटी मोटी छेड़छाड़ जैसी घटनाएं भी नहीं होती। यहां रात दिन औरतें अकेले बिना डर खौफ कहीं भी आ जा सकती हैं।
सफाई
मक्का शहर का कूड़ा कचरा शहर से 70km दूर पहाडियों में दबाया जाता है, दुनियां का सबसे बङा तीर्थ स्थल होने के बावजुद एक साथ लाखों हज यात्री आते है। लेकिन उसके बाद भी मक्का साफ सफाई में बहुत ऊपर है।
पानी की कोई कमी नहीं
मक्का पूरा पथरिला रेगिस्तान शहर होने के बावजुद जहां की जमीन में पानी की एक बून्द नहीं फिर भी अल्लाह की कुदरत से जमजम के एक कुऐं से पूरे साल और पूरी दुनिया में जमजम का पानी जाता है और यहां भी पूरे मक्का और पूरे सउदी में प्रयोग होता है और आज तक कभी कम नहीं हुआ। जमजम पानी कभी खराब नहीं होता है, जमजम के पानी में अल्लाह ने शिफा रखी है।
यहां हजारों तरह के खाने पकते हैं क्योंकि मक्का सिर्फ दुनिया का एक ऎसा शहर है जहाँ दुनिया के हर कोने से हर जगह से लाखों मुसलमान इकट्ठा होते हैं। खालिस मक्का में एक दिन में लाखों मुर्गों बकरों और गोश्त की खपत होती है। यहां की छाछ जिसका नाम लबन होता है पूरे फैट की होती है जैसा भारत का दूध।
मक्का में लाखों भारतीय, पाकिस्तानी, बंगलादेशी, मिस्री, यमनी और लाखों अन्य देशों के लोग काम करते हैं, सोचो अल्लाह यहां से कितने लोगों के घर चला रहा है। खालिस मक्का में लाखों AC इस्तेमाल होते हैं क्योंकि यहां हर कमरे में यहां तक की छोटी से छोटी दुकान में भी AC लगा होता है।
सिर्फ खजूर की फसल
यहां पर 6 और 8 सिलेंडरों तक की गाड़ियां दौड़ती हैं। यहां खजूर के सिवाय कोई फसल नहीं उगती फिर भी दुनिया की हर चीज फल सब्जी वगैरह बेमौसम यहां पर बिकती हैं। मक्का में 200 तरह के खजूर बिकते हैं और एक ऐसा खजूर भी है उसमें गुठली ही नहीं है।
पूरे सउदी अरब में कोई नदी या तालाब नही है फिर भी मक्का और सउदी मे पानी की कोई कमी नहीं है। मक्का में कोई बिजली लाइन बाहर नही सब जमीन के अंदर हैं। पूरे मक्का में कोई नाला या नाली नही है। पूरा मक्का शहर पहाडी इलाका है फिर भी रोड 4 लाइन 6 लाइन 8 लाइन 10 लाइन और 12 लाइन तक के रोड हैं और पहाड़ों के अंदर जो सुरंगे बनी हुई हैं वो भी 6 लाइन 8 लाइन हैं।
कपड़ा
दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कपड़ा यहां बिकता है जबकि बनता नहीं है। यहां की सरकार हर पढ़ने वाले बच्चे को 600 से 800 रियाल प्रतिमाह देती है! जो भारतीय मुद्रा में 12 से 16 हजार होता है। यहां विकास कार्य के लिये जो पैसा हुकूमत से मिलता है वो पूरा का पूरा खर्च किया जाता है।
यहां सूरजमुखी और मक्का का तेल खाया जाता है। यहां का कानून दुनिया का सर्वोत्तम इंसाफ करने वाला कानून हैॆ यहां चोरी लुट हत्या अपहरण जेसे केस नहीं के बराबर हैं।यहां हरियाली नहीं, पेड़ पौधे नहीं के बराबर हैं, पहाड़ सूखे और काले हैं मगर सांस लेने मे कोई तकलीफ ही नही, यहां ये वैज्ञानिक रिसर्च फेल हैं। यहां पर हर चीज बाहर से मंगवाई जाती है फिर भी महंगाई नहीं है।