बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर के एक दलित परिवार ने अपने बेटे की शादी बहुत शान्ति और सादगी से की, न कोई बैंड और न कोई बाजा। वहीं लड़की वालों ने नोटों की कमी की वजह से बारातियों और दुल्हे को सिर्फ चाय पिलाई। हैरानी की बात यह है कि बाराती और दूल्हा चाय पीकर खुश नज़र आ रहे थे। नोटबंदी का असर साफ़ दिख रहा है आम जनता और ग़रीबों पर।
दुल्हा बुलंदशहर के गांव जलीलपुर में रहने वाला है जिसका नाम दिनेश है वहीं दुल्हन बनी युवती जेपीनगर के गांव गुरैठा की रहने वाली बीना है। नोटबंदी के चलते शादी के लिए परिवार को नोटों की काफी किल्लत झेलनी पड़ी थी, बैंकों की लाइन में लगने के बाद भी इन्हें शादी के लिए बैंक से ढाई लाख रुपये नहीं मिल सके जिसके बाद लड़के के परिवार वालों ने यह कदम उठाया।
उन्होंने 4 दिसंबर को वधु पक्ष को बुलंदशहर में अपने गांव बुलाकर गांव के स्कूल में बारातियों को ठहराकर सभी को दावत की जगह केवल चाय पिलाई। यही नहीं गले में नोटों की माला डाले दूल्हे की शादी मंदिर में कराई गई। बारात में बाराती और रिश्तेदार सभी बिना दहेज और बिना दावत की शादी में चाय पीकर ही खुश नजर आ रहे थे। यही नहीं नोटों की किल्लत के चलते बारात में बाजा नहीं बजा सके, तो महिलाओं ने भी ढोलक की थाप पर ही जमकर नाच गाना भी किया।