हम आपको बता दें कि राफेल मामले में शुक्रवार को दिए अपने फैसले में एक तथ्यात्मक गलती सुधारने के लिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है। हम आपको यह भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पेज 21 पर कहा है कि राफेल की कीमत से जुड़े विवरण कैग से साझा किए जा चुके हैं और इसे पीएसी कमेटी ने भी जांचा है।
बताया गया है कि कहा ये जाना था कि कैग की रिपोर्ट पीएसी जांचेगी जबकि हो ये गया कि पीएसी कैग की रिपोर्ट को जांच चुकी है। इसे टाइपिंग में हुई गलती बताई गई है।
राफेल डील की जांच की मांग वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पीएसी (लोक लेखा समिति) को कैग (कॉम्पट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट दी गई, जबकि पीएसी को कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
खड़गे ने कहा है कि वो खुद ही पीएसी के हेड हैं। बताया गया है कि हकीकत ये है कैग ने राफेल डील पर अपनी रिपोर्ट अभी दाखिल नहीं की है।
कैग अपनी रिपोर्ट को दाखिल कर देगी, उसके बाद उसे संसद के पटल पर रखा जाएगा। कांग्रेस अध्य राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कैग की रिपोर्ट कहां है, जिसका जिक्र सुप्रीम कोर्ट में किया गया है।
क्या वो पीएमओ में तैयार की गई है। वहीं दूसरे नेताओं ने कहा है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ही झूठ बोल दिया है, जो कि गंभीर मामला है।