हम आपको बता दें कि भारतीय रेल यूँ तो देश के करोड़ों लोगों की यात्रा को मंगलमय करने का कार्य कई सालों से करती आई हैं लेकिन अब रेल विभाग उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख रेलवे स्टेशनों की नीलामी कर मोदी सरकार ने यात्रियों को बड़ा झटका दे दिया है.
केंद्र सरकार सौपेगी निजी कंपनियों को सभी प्रमुख स्टेशन
जी हाँ केंद्र के रेलवे विभाग द्वारा रेलवे स्टेशनों के खरीदार ढूढने के लिए ऑनलाइन नीलामी के आयोजन की तारीख तय हुई तो मानो हर कोई हैरान था.
बता दें कि भारतीय रेल की हालत को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने एक अहम योजना बनाई थी जिसमे उसने देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत निजी कंपनियों को सौपने का फैसला लिया था.
इस फैसलें के चलते ही बीते साल 28 जून को देश के कुल 23 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने का फैसला सरकार ले चुकी है.
सरकार मुख्य 23 रेलवे स्टेशनों को निजी कंपनियों को सौपेगी
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सरकार की इस नीलामी में उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख रेलवे स्टेशन कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन और इलाहाबाद रेलवे स्टेशन भी शामिल थे, जिसका बेस प्राइज भी पहले ही तय किया जा चुका था.
कानपुर रेलवे स्टेशन 200 करोड़ और इलाहाबाद रेलवे स्टेशन
150 करोड़ में हुए नीलाम
जहाँ कानपुर रेलवे स्टेशन की कीमत 200 करोड़ रुपये तो वहीं इलाहाबाद रेलवे स्टेशन की बोली 150 करोड़ रुपये लगाई गई.. 28 जून को ऑनलाइन शुरू हुई इस नीलामी के परिणाम 2 दिन बाद ही सामने आ गये थे. जिसमे से सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले खरीदारों को ये स्टेशन सौप दिए गये.
केंद्रीय रेल मंत्री ने नीलामी का किया समर्थन
इस अनोखी नीलामी पर केंद्रीय रेल मंत्री ने समर्थन देते हुए बताया था कि..
“हमारी योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत देश के जाने-माने 25 रेलवे स्टेशनों को दोबारा विकसित करना है. 30,000करोड़ के न्यूनतम निवेश में इन रेलवे स्टेशनों को विकसित करने की योजना है. जिसके जरिए इन सभी स्टेशनों का विकास अंतर्राष्ट्रीय मानकों को अनुरूप करने की है जिससे होटल, मॉल, मल्टीप्लेक्स समेत दूसरे व्यावसायिक इकाइयों को विकसित किया जाएगा. इसमें निजी कंपनियां ही पूरा काम करेंगी.”
ये स्टेशन भी होंगे नीलाम..?
गौरतलब है कि इस नीलामी से हज़ारों लोगों की नौकरियों पर भी आन पड़ी है लेकिन बावजूद इसके मोदी सरकार के मंत्री ने इस नीलामी को सही बताते हुए ये भी कहा कि..
“सरकार की योजना जिन प्रमुख रेलवे स्टेशनों को दोबारा विकसित करने की है उनमें बेंगलुरू सिटी, मुंबई का लोकमान्य तिलक टर्मिनल, पुणे, ठाड़े, विशाखापत्तनम, हावड़ा, इलाहबाद, कामाख्या, फरीदाबाद, जम्मू तवी, बेंगलुरू कैंटोनमेंट, भोपाल, मुंबई सेंट्रल (मेन), बोरीवली और इंदौर के रेलवे स्टेशन शामिल हैं.”
ऐसे में अब इन दो स्टेशनों की नीलामी होने के बाद अब दुसरें स्टेशन के कर्मचारी भी नौकरी जाने के भय से परेशान है.