नई दिल्ली: 2 हज़ार रुपये महीने मिल रहे थे साक्षर भारत योजना के कर्मचारियों को जो कि बीजेपी सरकार अब वह भी छीन लेना चाहती है. अब तक पिछली सरकार की योजनाओं का फीता काटने वाली मोदी सरकार की योजनाएं खुली कम हैं, बन्द या नाकाम ज्यादा हुई हैं.
अब सरकार एक और योजना को बंद करने की तैयारी में है जिससे 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. पहले से कई तरह के विरोध झेल रही बीजेपी सरकार अपने खिलाफ एक और बड़े आंदोलन को तैयार करने जा रही है. लेकिन इन सबसे सरकार पर अब तक किसी तरह का कोई असर दिखता नजर नहीं आ रहा है.
साक्षर भारत योजना के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित साक्षर भारत योजना बंद की जा रही है. केन्द्र सरकार ने 30 सितंबर के बाद योजना को संचालित करने की अनुमति नहीं दी है. इसी के साथ उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश एवं झारखंड में करीब 2 लाख प्रेरक बेरोजगार हो जाएंगे. इससे तीनों राज्यों में खलबली मची हुई है.
बता दें कि इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश की 49,921 ग्राम पंचायतों में एक महिला और एक पुरुष प्रेरक नियुक्त किया गया है. मौजूदा समय में कुल 99,842 प्रेरक कार्यरत हैं, जिन्हें 2 हजार रुपए महीने मानदेय मिलता है. इसी प्रकार मध्यप्रदेश में करीब 25 हजार और झारखंड में 9 हजार प्रेरक तैनात किए गए हैं. ये प्रेरक 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने का काम करते हैं.
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सचिव एवं निदेशक अवध नरेश शर्मा ने बताया कि योजना को 30 सितम्बर तक के लिए ही स्वीकृति मिली है। इसे आगे जारी रखने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने योजना को संचालित करने की अनुमति नहीं दी है. प्रेरकों का कहना है कि यदि केंद्र सरकार ने इस योजना को बंद करके उन्हे बेरोजगार किया तो उसे एक अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन का सामना करना होगा.