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आधार कार्ड की याचिका पर सुनवाई को लेकर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दी चुनौती, सुनाया बेहद चौंका देने वाला फैसला

नई दिल्ली: हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर बुधवार के दिन अपना फैसला सुनाया था। हम आपको यह भी बता दें कि जरूरी सेवाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने के फैसले को चुनौती देने वाली गोपाल सुब्रमण्यम की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने आधार को पूरी तरह वैध ठहराया था।

वहीं, कोर्ट ने सेक्शन 57 को खारिज कर दिया था यानी किसी भी प्राइवेट कंपनी, शिक्षण संस्थान, बैंक, परीक्षा एजेंसियों, मोबाइल कंपनियों द्वारा आधार नहीं मांगा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल और बैंक अकाउंट्स को आधार से लिंक करने को गलत ठहराते हुए इसपर रोक लगा दिया था जिसके बाद अब सरकार ऐसे विकल्प देख रही है ताकि प्राइवेट कंपनियों के आधार के द्वारा ऑथेंटिकेशन के दरवाजे खुल सकें। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार इसे पूरी तरह लागू करना चाहती है और जहां भी संभव हो सकता है, विकल्पों की तलाश की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अभी पूरी तरह नहीं पढ़ा है और ये समझता हूं कि कोर्ट द्वारा 12 अंक के आधार के इस्तेमाल पर निजी कंपनियों पर रोक लगाई गई है। वित्त मंत्री ने सेक्शन 57 को खारिज किए जाने पर कहा कि जब तक कानून से समर्थन नहीं मिलता तब तक ये स्वीकार्य नहीं, ये समझ आता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वित्त मंत्री ने कहा कि दो-तीन क्षेत्र प्रतिबंधित हैं, क्या वे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं या फिर इसके लिए कानूनी विकल्प देखने की जरूरत है इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे अभी इतना बता सकते हैं कि इन निजी इकाइयों के मामले में कानूनी समर्थन की जरूरत है।