हम आपको बता दें कि मोदी सरकार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अब उतनी तरजीह नहीं दे रही है जितना की पहले देती थी. आपको बता दें कि 15 मई को स्मृति ईरानी से सूचना और प्रसारण मंत्रालय छीन लिया गया था और अब उनको नीति आयोग से भी निकाल दिया गया है.
गुप्त सत्रों से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह स्मृति ईरानी के कामकाज से बिलकुल भी खुश नहीं हैं.
आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग का पुनर्गठन किया है.
हम आपको बता दें कि स्मृति ईरानी इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) आयोग की विशेष आमंत्रित सदस्य थीं.
लेकिन अब मोदी सरकार ने उनको नीति आयोग(NITI) से निकाल दिया है और अब उनके स्थान पर प्रकाश जावड़ेकर को नीति आयोग का विशेष आमंत्रित सदस्य बना दिया है.
यही नहीं बल्कि नीति आयोग में केन्द्रीय प्लानिंग राज्य मंत्री राव इंदरजीत सिंह को भी शामिल किया गया है.
आपको बता दें कि 15 मई के दिन स्मृति ईरानी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय से निकाल दिया गया था.
हम आपको बता दें कि उनकी जगह पर उनके डिप्टी रहे राज्यवर्धन सिंह राठौर को सूचना प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दे दिया गया था.
बात कुछ ऐसी है कि स्मृति ईरानी नीति आयोग की तभी से सदस्य हैं जबसे वह मानव संसाधन विकास मंत्री बनी थीं.
यहाँ तक कि मंत्रालय बदल गया उसके बावजूद भी स्मृति ईरानी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनी हुई थी.
लेकिन अब नीति आयोग से उनको निकाल दिया गया है.