जबसे मोदी सरकार आई है तबसे इस देश के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं| जबसे हमारा देश आजाद हुआ है तबसे ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जैसा कि अब मोदी सरकार आने के बाद हो रहा है| ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जुमला “जो कांग्रेस 60 साल में नहीं कर पायी वो हम 60 महीनों में कर देंगे” सुनकर वोट तो दे दिया और अब देश में वह सब कुछ हो रहा है जो आज तक इस देश में होना असंभव था|
इस देश की रीढ़ की हड्डी किसान और जवान माने जाते हैं जिसके चलते लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान,जय किसान” का नारा भी दिया था लेकिन आज सबसे ज्यादा यही दोनों परेशान हैं |
मोदी सरकार ने भारतीय सेना के रिटायर्ड अधिकारी को बताया अवैध नागरिक
सेना में अगर आपने काम किया है या सेना से बावस्ता हैं तो जानते होंगे कि सेना में होना देशभक्ति की पराकाष्ठा माना जाता है| यह माना जाता है कि देश के लिए आपने कुछ किया है| लेकिन असम में एक सिपाही को 30 साल सेना में काम करने के बाद भी एक अजीब स्थित का सामना करना पड़ रहा है|
मोहम्मद ए हक नाम के इस रिटायर्ड जेसीओ को राज्य पुलिस ने नोटिस भेजा है और नोटिस में उन पर अवैध रूप से भारत में रहने का आरोप लगाया गया है जो बेहद ही शर्मनाक है | तीस साल भारत की सेना में काम करने के बाद उनको बांग्लादेश का नागरिक बताया जा रहा है|
पहले उनकी पत्नी पर भी लगाये जा चुके हैं ऐसे आरोप
खास बात ये है कि कुछ साल पहले इनकी पत्नी पर भी ऐसा ही आरोप लगाकर नोटिस भेजा गया था लेकिन जाँच के बाद आरोपों को सही नहीं पाया गया| असम के रहने वाले मुहम्मद अजमल हक जूनियर कमिश्नड ऑफिसर (जेसीओ) के पद से रिटायर हुए हैं|पिछले दिनों उन्हें ‘संदिग्ध विदेशी’ होने के तहत एक नोटिस मिला|
नोटिस में अजमल हक से उनकी भारतीय नागिरकता के बारे में जानकारी और दस्तावेज मांगे गए हैं| स्थानीय न्यायाधिकरण (Local Tribunal) ने मोहम्मद अजमल हक को दस्तावेजों के साथ पेश होने का आदेश दिया है|
ये रही इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि अजमल हक ने 1971 में बिना उचित दस्तावेजों के भारत में एंट्री की थी| मोहम्मद अजमल हक ने कहा, “मैंने 30 साल तक भारतीय सेना की सेवा की| 2012 में भी मुझे ‘संदिग्ध विदेशी’ बताते हुए नोटिस दिया गया था तब मैंने सारे दस्तावेज जमा करा दिए थे| कोर्ट ने मुझे भारतीय नागरिक भी घोषित कर दिया था|
उन्होंने कहा,”अब दोबारा मुझे एक और नोटिस भेजा गया है| मुझे समझ नहीं आता कि जब पहले मैं सारे दस्तावेज जमा कर चुका हूँ और कोर्ट ने भी मुझे भारतीय नागरिक घोषित कर दिया, तो फिर बार-बार ऐसा क्यों होता है?”