हम आपको बता दें कि मोदी सरकार को सत्ता में आए 4 साल पूरे हो गए हैं। हम आपको यह भी बता दें कि जहां नरेंद्र मोदी की सरकार देश की जनता से बहुत बड़े बड़े वादे कर सत्ता पर आयी थी वहीं आज इस सरकार के 4 साल बीत जाने पर जनता यही सवाल पूछ रही है कि देश में अच्छे दिन क्यों नहीं आए।
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मोदी सरकार के काले चिट्ठों की सच्चाई
मोदी की विदेशी यात्राएं काफी चर्चा में रही लेकिन पाकिस्तान से बिगड़े संबंधों का कुछ नहीं हो पाया। इन सबके बाद भी मोदी के बड़ी बड़ी भाषणबाजी बंद नहीं हुई।
खुद को जनता का सेवक बताने वाली मोदी सरकार के इन 4 साल के काले चिट्ठों की सच्चाई आप भी जान लीजिए। आखिर इन 4 सालों में मोदी ने खुद को प्रमोट करने के लिए सरकार का कितना पैसा दांव पर लगा दिया।
मोदी ने खुद को ही प्रमोट करने पर लगा दिया करोड़ों का पैसा
यहां हम आपको आरटीआई की जानकारी के मुताबिक बताने जा रहे हैं कि मोदी सरकार ने अपना चेहरा चमकाने के लिए देश की जनता का कितना पैसा बहा दिया।
अप्रैल 2014 से लेकर जून 2017 तक मोदी सरकार ने कुल 3600 करोड़ रुपये खर्च किए। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से विज्ञापन और प्रचार पर 1600 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों, डिजिटल सिनेमा, दूरदर्शन चैनल, आकाशवाणी, इंटरनेट और पब्लकि रिलेशन जैसे माध्यम शामिल है।
सरकार ने अखबारों में विज्ञापनों के जरिए 1700 करोड़ और 400 करोड़ रुपये आउटडोर प्रमोशन पर खर्च किए हैं इसमें होर्डिंग, बैनर और बिलबोर्ड आते हैं।
स्वच्छ बारत अभियान पर भी जाया कर दिया जनता का पैसा
वहीं मोदी हर जगह स्वच्छ भारत अभियान की बात करते हैं। स्वच्छ भारत को प्रमोट करने के लिए 2014 से अब तक 530 करोड़ रुपये कर दिए गए।
आपको याद दिला दें जब साल 2017 में उत्तर प्रदेश की सरकार के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 100 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। जब सरकार के पास ऑक्सीजन के लिए 40 लाख रुपये नहीं थे।
गंगा सफाई के नाम पर 2 साल में 7 हजार करोड़ लगे दांव पर
मोदी सरकार ने गंगा की साफ सफाई के लिए 2 सालें में 7,000 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। वहीं बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ को बढ़ा चढ़ा कर दिखाने के लिए भी मोदी सरकार ने अलग पैंतरा अपनाया। इस योजना का टोटल बजट कुछ समय बाद ही कम कर दिया गया था वहीं दूसरी तरफ योजना में लगाया जाने वाला पब्लिसिटी के लिए पैसा बढ़ा दिया गया था।
जहां एक तरफ मोदी सरकार देश के युवाओं को आज पकौड़े बेचने के लिए बोल रही है वहीं दूसरी तरफ लाखों रुपये के सूट व कपड़े वह खुद पहन रहे हैं और करोड़ो रुपये अपने ही प्रचार प्रसार में खर्च कर रहे हैं। सोचने वाली बात है कि देश की जनता अपने अच्छे दिन चाहती थी या बीजेपी सरकार के अच्छे दिन??