बेंगलुरु: कुछ डॉक्टर हमारे देश में डॉक्टरी के पेशे को बदनाम करना चाहते हैं। हमारे देश में डॉक्टरों ने गरीबों को लूटने के लिए नए नए तरीके खोजते रहते हैं। बंगलुरू जो कि कर्नाटक की राजधानी है वहां पर कुछ डॉक्टरों ने मिलकर एक इंसानियत की मिसाल पेश की है।
इन डॉक्टरों मे बताया है कि “यही इबादत यही दीन ओ ईमां, कि काम आये दुनिया में इंसा के इंसान।” बेंगलूर के कुछ मुसलमान डॉक्टरों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने निजी पैसे से गरीब लोगों की सेवा के लिए एक अस्पताल स्थापित किया है। इस अस्पताल की शुरुआत बैंगलोर के शिवाजी नगर क्षेत्र में हुई है।
राजधानी के बड़े अस्पतालों में कार्यरत सात मुस्लिम डॉक्टरों ने मिलकर एक अस्पताल की स्थापना की है। इसका उद्देश्य गरीब लोगों को चिकित्सा प्रदान है। इसलिए, इस उद्देश्य के तहत इकट्ठा हुए डॉक्टरों की एक टीम ने अपनी कमाई से कुछ से कुछ पैसा इकट्ठा किया और कुछ दिनों के अंदर ही एक पुराने अस्पताल को खरीदकर उसकी जगह एक नये अस्पताल की बुनियाद रखी।
मेट्रो अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर आरिफउल्लाह कुरेशी ने बताया कि एक करोड़ की लागत से तैयार किए गए अस्पताल में सामान्य बीमारियों के साथ साथ, प्रसूति, हृदय, और दूसरी बीमारियों का इलाज किया जायेगा। उन्होंने बताया कि वे मुनासिब फीस लेकर देश के सबसे गरीब और मध्यम वर्ग तक पहुंचना चाहते हैं। डॉक्टर आरिफउल्लाह ने बताया कि इस अस्पताल में विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देंगे।