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महिला दिवस पर बुर्का पहनकर इस बड़े मुस्लिम देश में सड़क पर यह करती दिखी महिलाएं

जैसा कि आप सब जानते हैं कि दुनिया के ज्यादातर देश मुस्लिम महिलाओं का हक देने में असफल रहे हैं.

मुस्लिम

भारतीय सरकार महिलाओं को नहीं दे पाई है उनका हक़

भारत में ही महिलाओं को देवी का रूप माना जाता रहा है. यहाँ इनकी पूजा तक की जाती है लेकिन बावजूद इसके आज देश के कई राज्यों में उनकी क्या हालत है वो भी किसी से छुप नहीं पाई है.

लेकिन आज एक ऐसा भी देश है जो महिलाओं को न केवल उसके सभी अधिकार देना अपना प्रथम कर्तव्य समझता है बल्कि उनके अधिकारों और महिलाओं के सम्मान के लिए वो हर वक्त तत्पर नज़र आता है.

इस मुस्लिम देश ने दुनिया के सामने पेश की मिसाल

जी हाँ हम बात कर रहे है सबसे बड़े मुस्लिम देश सऊदी दी. बीते सालों से ये देखा जाता रहा है कि सऊदी अरब में बदलाव की बहार सी चल रही है. ऐसे में सऊदी के जेद्दा शहर की सड़कों पर बीते गुरुवार को एक अद्भुत नजारा देखने को मिला जिसे देख हर कोई हैरान था.

बुर्का पहनकर ही महिलाओं ने लगाई दौड़

जानकारी के लिए बता दें कि इस दौड़ में जो सबसे ख़ास बात रही वो ये थी कि इस मैराथन में महिलाए बुर्का पहनकर ही दौड़ लगाती दिखी. दौड़ में हिस्सा लेने वाली महिलाए ज्यादातर मुस्लिम थी.

महिला दिवस पर सड़कों पर दौड़ी महिलाएं

दरअसल, यहाँ महिला दिवस को कुछ महिलाओं ने सड़कों पर दौड़कर मनाया. महिलाओं की इस दौड़ को दुनिया एक बदलाव के रूप में भी देख रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर दौड़ कैसे ख़ास हो सकती है? तो आइये हम स्पष्ट रूप से आपको समझाते है.

सऊदी में पहला बार दिखा अद्बुथ नज़ारा

साथ ही आपको ये भी बता दें कि इससे पहले सऊदी में महिलाओं को इस तरह के विशेषाधिकार नहीं दिए गए थे. लेकिन इन सभी पुरानी रीतियों को दरकिनार करते हुए बीते रविवार को सऊदी में पहली बार महिलाओं के लिए मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया.

आधुनिकीकरण और खेलों में महिलाओं के प्रोत्साहन के लिए किया गया था आयोजन

आयोजकों की माने तो इस ख़ास दौड़ को सऊदी अरब के आधुनिकीकरण और खेलों के लिए महिलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक बीते रविवार को यहां के अल-अहसा प्रांत में आयोजित इस दौड़ में सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

लेकिन इस दौरान जो सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात थी वो ये थी कि इस दौड़ में कई महिलाओं ने पारंपरिक इस्लामिक पोशाक में ही दौड़ लगाई.

सऊदी में पहली बार बुर्के में अपने अधिकारों के लिए दौड़ी महिलाएं

मैराथन के आयोजक अल-मूसा के हवाले से जानकारी देते हुए अल-अरेबिया न्यूज ने बताया कि,

“सभी को दौड़ने के लिए प्रोत्साहित करने और उनमें खेल के प्रति रुचि जगाने के लिए यह दौड़ आयोजित की गई थी. इससे पहले फरवरी में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहली अंतरराष्ट्रीय हाफ-मैराथन दौड़ आयोजित की गई थी.”

निष्कर्ष

बताते चले कि हाल ही में सऊदी अरब ने वहां की रूढ़ीवादी परंपराओं को तोड़ते हुए कुछ महिलाओं के पक्ष में फैसले लिया जिसमें देश में महिलाओं पर ड्राइविंग प्रतिबंध हटाना, पुरुष फुटबॉल मैच देखने के लिए स्टेडियम में महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत और सऊदी हवाईअड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रण में महिलाओं के लिए लगभग 140 नौकरियां निकालने जैसे बड़े फैसले शामिल हैं. इससे आने वाले समय में महिलाओं को काफी फ़ायदा होता हुआ भी नज़र आएगा.

 

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