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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भले ही देश की चिंता न हो लेकिन इनकी चिंता ज़रूर है

narendra modi does not care about india he only cares about nawaz sharif

नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री तो बन गए लेकिन यह बात नहीं समझ में आ रही है कि देश का प्रधानमंत्री देश को प्रगति की राह पर ले जाने के लिए होता है या फिर विदेशी यात्रा करने के लिए होता है| भारत की जनता को आजादी के बाद पहला ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जिसे पाकर भारत की जनता ऐसा महसूस करती है जैसे उन्होंने एक प्रवासी प्रधानमंत्री चुन लिया है|

नवाज़ शरीफ की तबियत पे दुख जताया मोदी ने, लेकिन गोरखपुर त्रासदी पे नहीं ?

विदेशों में घूम घूमकर एक तो मोदी की सोच भी वैसी ही हो गयी है| इन्हें देश में घटित घटनाओ और संवेदनाओ पर प्रतिक्रिया या विचार रखने का समय ही नहीं मिलता है| वैसे तो इन्हें ट्वीटर का बड़ा शौक है और हर मुद्दे पर विचार रखते हैं| यहाँ तक की दुश्मन मुल्क के प्रधानमंत्री की तबियत तक के हाल ले लेते हैं लेकिन अपना देश जो बीमार पड़ा है उसकी खैर-ओ-खबर लेने की इन्हें फुरसत नहीं|

यहाँ आज के दिन भाजपा सरकार की नाकामी से ३० बच्चे यूपी में काल में समां गये और साहब की उनके लिए संवेदनाएं तक नहीं जागी और न ही इन्होने उस पर ट्वीट किया | करते भी कहाँ से आखिर फुर्सत मिले विदेश में घटित घटनाओ पर अपनी प्रतिर्किया देने से|

पुर्तगाल में कुछ हुआ, साहब ने तुरंत बयान दिया…

यहाँ भारत में बच्चो की जान गई, पूरा देश शोक में हैं और भाजपा की निंदा कर रहा और साहब हैं कि पुर्तगाल के लोगों की चिंता कर रहे है| देश के लोगो का क्या है, वो मरते हैं तो मरते रहें, ये नेता लोग तो अपनी संवेदनायों की हत्या कर चुके हैं|

ऐसा भी नहीं है कि साहब को इसकी जानकारी नहीं हो क्योकि साहब अपडेट तो बहोत  रहते हैं| याद होगा नीतीश कुमार का वो भाषण जो खत्म हुआ नहीं और साहब उस पर प्रतिक्रिया देने लगे! लेकिन ये जो खुद को मसीहा बताते हैं गरीबों का, इन्हें असल में गरीबों से कोई मतलब ही नहीं! वो राहत इन्दौरी साहब सही फरमाते हैं कि “ये कुछ लोग जो खुदा बने फिरते हैं…किसी रोज मेरे हत्थे चढ़ जाए तो इंसा हो जाएँ”|

 

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